नई दिल्ली: भारत जी-20 शिखर सम्मेल (India G-20 Summit) की अध्यक्षता कर रहा है. इसका आयोजन 9 से 10 सितंबर को दिल्ली (Delhi) में होगा. इसको लेकर कांग्रेस (Congress) ने प्रधानमंत्री (Prime Minister) की आलोचना की. जवाब में बीजेपी (BJP) नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar) ने कहा, ”जब भी देश की सराहना दुनिया करती है, जब भी देश कोई बड़ा मील का पत्थर हासिल करता है तो हमेशा ऐसे लोग होते हैं जो देश को नीचे खींचने की कोशिश करते हैं, इसे कुछ कम महत्वपूर्ण बनाने की कोशिश करते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे लगता है कि भारत के लोगों का ध्यान आगे बढ़ने और एक विकसित राष्ट्र बनाने पर केंद्रित है और ये सभी राजनीतिक लोग, जो भारत की इस प्रगति से अप्रासंगिक हैं, लगातार कुछ न कुछ कहते रहेंगे. इन्हें नज़रअंदाज़ करना ही सबसे अच्छा है. हम जो भी आगे बढ़ रहे हैं उसमें वे कोई योगदान नहीं दे रहे हैं तो, आपको उन पर ध्यान क्यों देना चाहिए और आपको उन्हें जवाब क्यों देना चाहिए?”
कांग्रेस ने क्या कहा था?
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा (Pawan Kheda) ने कहा था,” जी-20 एक रोटेशनल प्रेसीडेंसी है, इस वक्त जी-20 का अध्यक्ष भारत ही रहता, चाहे पीएम कोई और भी क्यों न होता. वो (पीएम मोदी) भूल जाते हैं कि ये (जी20) एक रोटेशनल प्रेसीडेंसी है. ऐसा इसलिए नहीं है क्योंकि वह प्रधानमंत्री हैं. कोई भी पीएम होता तब भी, भारत ही जी20 का अध्यक्ष होता. अगर वह सोचते हैं कि भारत के लोग मूर्ख हैं तो वह गलत हैं.”
वहीं कांग्रेस के एक और नेता जयराम रमेश ने यहां तक दावा कर दिया था कि जी-20 शिखर सम्मेलन को इसलिए कराया जा रहा है ताकि जनता का जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके.
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