नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए चुनाव नियम में किए गए बदलाव को लेकर कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि केंद्र सरकार चुनाव आयोग की संस्थागत अखंडता को नष्ट करना चाहती है। चुनाव नियम में बदलाव चुनाव आयोग की ईमानदारी को खत्म करने सोची समझी साजिश है। चुनाव आयोग को जानबूझकर खत्म करके मोदी सरकार लोकतंत्र और संविधान पर हमला कर रही है।
खरगे ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि चुनाव नियमों में संशोधन भारत के चुनाव आयोग की संस्थागत अखंडता को नष्ट करने की मोदी सरकार की व्यवस्थित साजिश है। इससे पहले सरकार ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति करने वाले पैनल से भारत के मुख्य न्यायाधीश को चयन पैनल से हटा दिया था। अब सरकार उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी चुनावी जानकारी को छिपाने का सहारा ले रहे हैं।
खरगे ने कहा कि जब-जब कांग्रेस ने चुनाव आयोग को मतदाताओं के नाम काटने और ईवीएम में पारदर्शिता की कमी जैसी अनियमितताओं के बारे में लिखा, तब-तब आयोग ने अपमानजनक लहजे में जवाब दिया। इसके अलावा कुछ गंभीर शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया। यह साबित करता है कि चुनाव आयोग भले ही एक अर्ध-न्यायिक निकाय है, लेकिन स्वतंत्र रूप से व्यवहार नहीं कर रहा है। मोदी सरकार का चुनाव आयोग की अखंडता को कम करने का नपा-तुला प्रयास संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है और हम उनकी रक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे।
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