नई दिल्ली. संसद (Parliament) के चालू बजट सत्र (current budget session) में संविधान (Constitution) को लेकर बीजेपी (BJP) ने कांग्रेस (Congres) को जमकर घेरा है. इस मुद्दे के जरिए बीजेपी अब उस पिच पर बैटिंग कर रही है, जिसपर कांग्रेस लोकसभा चुनाव के दौरान से बीजेपी को घेर रही थी. लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ये संविधान वाला सियासी हथियार अब बीजेपी अपने पाले में लाती दिख रही है. दरअसल, ये सबकुछ शुरू हुआ कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के एक बयान से. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला?
जेपी नड्डा ने भी बोला हमला
राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जो संविधान की रक्षक बनती है. बाबा साहब ने स्पष्ट कहा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता. लेकिन कांग्रेस की सरकार ने साउथ में मुस्लिम धर्म के लिए कॉन्ट्रैक्ट में चार फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है. जेपी नड्डा ने इसे ऑथेंटिकेट किया और कहा कि कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने वहां के सदन में कहा है कि जरूरत पड़ी तो हम संविधान को बदलेंगे और ये लोग संविधान के बड़े रक्षक बनते हैं. वहां संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम किया गया है. विपक्ष के नेता को इसका जवाब देना चाहिए.
लोकसभा में भी किरेन रिजिजू ने कर्नाटक के मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में धर्म के नाम पर कोई रिजर्वेशन नहीं हो सकता है. कांग्रेस पार्टी का वरिष्ठ नेता संवैधानिक पद पर बैठकर जब यह कहता है कि मुस्लिम आरक्षण देने के लिए संविधान बदला जाएगा, ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
क्यों ये कांग्रेस के लिए बड़ा झटका
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि अगर बीजेपी सत्ता में आएगी तो वह संविधान को बदल देगी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी कई मौकों पर संविधान की कॉपी लेकर बीजेपी को घेरते रहे हैं और दावा करते रहे हैं कि कांग्रेस संविधान में कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेगी. लेकिन अब डीके शिवकुमार के इस बयान से कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं.
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