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    कांग्रेस का साथ, BJP के खिलाफ प्रचार, जानिए शंकर सिंह वाघेला का सियासी प्लान?

  • November 11, 2022

    नई दिल्ली: गुजरात की राजनीति में तीसरे मोर्चे के लिए जोर आजमाइश करने वाले शंकर सिंह वाघेला को कौन नहीं जानता. 82 साल के इस नेता ने गुजरात में राष्ट्रीय जनता पार्टी (RJP) की नींव रखी थी. इस पार्टी में भारतीय जनता पार्टी के बागी नेता शामिल थे. साल 1996 में बनी इस पार्टी के स्तंभ बीजेपी के कुछ बागी नेता थे. जब पार्टी की नींव रखी गई तो शंकर सिंह वाघेला को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया गया लेकिन जमीनी हकीकत पर उनकी सियासी उड़ान थम गई. चुनावों में महज 4 सीटें मिलीं.

    एक चुनाव और 4 सीटों पर सिमट जाने वाली पार्टी का इतिहास यही रहा. शंकर सिंह वाघेला ने बाद में अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया था. उन्होंने 2017 के बाद जन विकल्प मोर्चा का गठन किया. यह मोर्चा एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी. करारी हार के बाद वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. कुछ ही महीनों में एनसीपी से भी उनका मन भर गया और राहें अलग कर लीं. फिर उन्होंने प्रजा शक्ति डेमोक्रेटिक पार्टी बनाई. अब शंकर सिंह वाघेला एक बार फिर गुजरात में कांग्रेस के लिए कैंपेनिंग को तैयार हैं.

    बीजेपी की की छाया भी देश पर न पड़े : गुजरात चुनाव को लेकर शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि जिस पार्टी को मैं जानता हूं, वह बीजेपी है. मैं कांग्रेस को भी जानता हूं. उन्होंने कहा कि अनुभव के आधार पर कह रहा हूं कि कांग्रेस पार्टी के पास संविधान है. उन्होंने कहा कि गलती से भी अब बीजेपी की की छाया देश पर नहीं पड़नी चाहिए, न ही गुजरात पर. वाघेला ने कहा कि सरदार पटेल और गांधी के गुजरात में आपको भ्रम से बाहर आना चाहिए. यह पार्टी आपको खत्म कर देगी.

    1.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे : शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि करीब 1.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. 50 लाख लोगों के पास रोजगार नहीं है. बीजेपी ने करोड़ों रुपये विज्ञापनों पर लोगों को धोखा देने के लिए खर्च किया है. उन्होंने कहा कि अगर उन्होंने जो काम कहा और उनको किया तो लोग खुद वोट देंगे. लेकिन लोगों को झूठ बोलकर बरगलाने का पाप सिर्फ वोट हासिल करने के लिए किया जा रहा है.


    सोनिया और राहुल से संबंध अच्छे : शंकर सिंह वाघेला ने कांग्रेस से अपने रिश्ते पर कहा कि उनके सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ संबंध अच्छे हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने उनके दिमाग में मेरे खिलाफ जहर भरने की कोशिश की. वाघेला ने कहा कि मैंने कांग्रेस क्यों छोड़ दिया, क्या मैं 2017 में सरकार बनाने जा रहा था, अगर मैं वहां था तो मैंने सरकार क्यों नहीं बनाई. मेरे कुछ व्यक्तिगत कारण थे, जिन्हें मैं सार्वजनिक तौर पर नहीं कह सकता हूं. मैं उनमें से नहीं हूं जो राजनीतिक दड़बे में कैद रहे.

    बीजेपी का साथ देने का आरोप : शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि कुछ लोगों ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से यह कहा कि वह बीजेपी के आदमी हूं, लेकिन यह केवल कल्पना थी. उन्होंने कहा कि आज लोग मानते हैं कि मेरे और नरेंद्र मोदी के बीच घर जैसे संबंध हैं. यह सच भी है, लेकिन इसको राजनीतिक कैसे कहा जा सकता है, यह एक समस्या है.

    राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से आया : वहीं वाघेला ने आम आदमी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें लोगों को धोखा नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहाकि मैं बेहिचक कहता हूं कि जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से आया हूं. यह कोई राज नहीं है. आम आदमी पार्टी को भी लोगों को बताना चाहए कि वो संघ से आए हैं. बीजेपी और जनसंघ के पृष्ठभूमि से आए हैं. इसलिए वह कांग्रेस को बाहर निकालना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बाबा राम देव और अन्ना हजारे दोनों के पास बीजेपी का समर्थन है.

    बीजेपी के खिलाफ करेंगे प्रचार : गुजरात चुनाव में कैंपेन के सवाल पर वाघेला ने कहा कि बीजेपी के खिलाफ और कांग्रेस के समर्थन में खुलकर कैंपेन करूंगा. उन्होंने बताया कि बीते एक महीने से 10 मीटिंग कर चुका हूं. मैंनें लोगों से कहा है कि वो कांग्रेस के लिए वोट करें. अपने वोटों का विभाजन न करें. वाघेला ने कहा कि अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आती है तो विधानसभा में एक ऐसा बिल लाने के लिए पूरी ताकत झोंक दूंगा जो प्रतिबंधों को हटाए. इसका कारण यह है कि अगर आपका एक कदम राजस्थान में है और दूसरा गुजरात में तो आप शराब पी सकते हैं. ऐसे कानून कभी सफल नहीं होते हैं.

    बयाड सीट से टिकट का ऑफर : शंकर सिंह वाघेला ने महेंद्र सिंह का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वह निर्दलीय हैं. बीजेपी के लोग उसे अपने साथ ले गए थे और 2017 में धोखा दे दिया. यह कल की बात है. महज 15 दिनों में उन्होंने इस्तीफा दे दिया. अब कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी, तीनों उन्हें बयाड सीट से टिकट ऑफर कर रहे हैं. वाघेला ने कहा कि अगर वह बीजेपी से चुनाव लड़ते हैं तो उनके लिए कैंपेन नहीं करूंगा. इतना ही नहीं वहां कांग्रेस के लिए भी कैंपेन नहीं करूंगा क्योंकि लोग मुझ पर भरोसा नहीं करेंगे.

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