नई दिल्ली । कांग्रेस (Congress) राहुल गांधी से सबंधित एक वीडियो (Video related to Rahul Gandhi) को तोड़-मरोड़ कर पेश किए जाने के खिलाफ (Against the Misrepresentation) जहां एक तरफ एक समाचार चैनल पर नाराज है (Angry on a News Channel) और जयपुर में मुकदमा दर्ज कराया है (Case Filed in Jaipur), वहीं भाजपा के कुछ नेताओं को भी (Some BJP Leaders Also) कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है (Warned of Legal Action)। कांग्रेस ने साफ कर दिया है, यदि भविष्य में भाजपा या कोई भी व्यक्ति कांग्रेस पार्टी की छवि खराब करने का प्रयास करेगा तो आगे कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
कांग्रेस वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने कहा, “हमारे नेता पर एक वीडियो प्रसारित हुआ, जिसे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने साझा किया, जबकि वीडिओ की वास्तविकता कुछ और थी। गलत वीडियो प्रसारित करने के बाद हम सभी नेताओं ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई। वीडियो भ्रामक है, हमने जानकारी दी। हमारे नाराजगी व्यक्त करने के बाद चैनल ने माफी मांगी, लेकिन भाजपा नेता अभी भी राहुल जी की छवि को खराब करने के लिए उस वीडियो फैला रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने इस वीडियो को अपलोड किया है, यह पहली बार नहीं हुआ है। पहले भी भाजपा कांग्रेस नेताओं के वीडियो को काट-छांटकर पेश करते रहे हैं। जयपुर में इस वीडियो के खिलाफ अब मुकदमा दर्ज हुआ है।”उन्होंने आगे कहा, “यह शराफत हमारा गहना है, बेड़ियां नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी अब चुप नहीं बैठेगी, आज के बाद यदि एक व्यक्ति भी पार्टी के खिलाफ बोलेगा तो उन्हें कई पीढ़ियों को अंजाम याद रखना पड़ेगा। जिन्होंने अभी भी वीडियो डाले हुए हैं, वे सुन लें, उनके खिलाफ आगे कार्रवाई होगी और वह भुगतेंगे।”
इससे पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में कहा था, “मैं यह जानकर हैरान हूं कि आपकी पार्टी के कई सहयोगी कल (1 जुलाई) रात 9 बजे एक समाचार चैनल की शरारतपूर्ण रिपोर्ट को जानबूझकर और उत्साहपूर्वक साझा कर रहे हैं।”
जयराम रमेश ने आगे कहा था, “हम उम्मीद करते हैं कि आप और आपकी पार्टी के सहयोगी इस तरह के झूठ को फैलाना बंद कर देंगे। अगर यह माफी आज जारी नहीं की जाती है, तो हम आपकी पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करेंगे, जो इस तरह से आपराधिक तरीके से और गैर-जिम्मेदाराना तरीके से सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं।”
दरअसल, मूल वीडियो राहुल गांधी की उनके वायनाड कार्यालय पर एसएफआई की हिंसा पर की गई टिप्पणी का था, लेकिन इसे जानबूझकर और शरारतपूर्ण तरीके से ऐसे पेश किया गया था, जैसे यह उदयपुर में कन्हैया लाल की जघन्य हत्या पर की गई टिप्पणी का वीडियो क्लिप हो।
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