इसी बीच कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के एक ट्वीट को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पाखंड बंद करे और सत्य स्वीकारे। कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए कि उसने सदैव केवल किसानों के नाम पर राजनीति की और अब भी वही कर रही है।
दरअसल, सुरजेवाला ने रविवार शाम को ट्वीट पर एक खबर पोस्ट की थी, जिसमें लिखा कि मप्र की 70 फीसदी मंडियों में कारोबार ठप, क्या ये नए कृषि कानूनों का असर है। शिवराज सरकार राज्य में नया माडल कृषि कानून लेकर आई थी, जिस कारण फसल एमएसपी से आधे दामों में बिक रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह लिखा कि – सरासर गलत है कि #किसानआंदोलन पंजाब हरियाणा के राज्यों तक सीमित है। पूरा देश 3 काले कृषि कानून से प्रभावित है। मध्यप्रदेश की मंडियों में कारोबार घटने से बोर्ड का टैक्स कलेक्शन 1 साल में 1200 करोड़ रुपये से 220 करोड़ हुआ।
सुरजेवाला के इस ट्वीट का जवाब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिलसिलेवार ट्वीट के माध्यम से दिया है। सीएम शिवराज ने लिखा है कि – कांग्रेस के मित्र सुन लें कि यह मध्य प्रदेश है, यहां किसानों का हित करने वाली सरकार है और हमारे लिए अन्नदाता ही भगवान हैं। मैं कांग्रेस के मित्रों को बताना चाहूंगा कि प्रदेश की मंडियों में अक्टूबर 2020 में गत वर्ष की तुलना में 20.65% अधिक अनाज की खरीदी की गई है।
कांग्रेस पाखंड बंद करे और सत्य स्वीकारे। कांग्रेसी अपनी आंखें खुली रखें, तो उन्हें भी नये कृषि कानून का लाभ दिखाई देने लगेगा।
होशंगाबाद के किसान नये कृषि कानून से होने वाले लाभ का जीवंत उदाहरण हैं। मंडी से बाहर बिक्री हुई और समस्या होने पर तत्काल निराकरण भी हो गया।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 13, 2020
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि ‘कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए कि उसने सदैव केवल किसानों के नाम पर राजनीति की, उन्हें छला, धोखा दिया और और आज भी वही कर रही है। देश में नया कृषि कानून आने के बाद किसानों की समृद्धि के लिए नये द्वार खुल गये हैं। किसानों की आय दोगुनी होगी और उनकी समृद्धि से देश सशक्त होगा’। शिवराज ने कहा कि -‘कांग्रेस पाखंड बंद करे और सत्य स्वीकारे। कांग्रेसी अपनी आंखें खुली रखें, तो उन्हें भी नये कृषि कानून का लाभ दिखाई देने लगेगा। होशंगाबाद के किसान नये कृषि कानून से होने वाले लाभ का जीवंत उदाहरण हैं। मंडी से बाहर बिक्री हुई और समस्या होने पर तत्काल निराकरण भी हो गया’।
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