इंदौर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में आगामी विधानसभा चुनाव (assembly elections) के लिए 17 नवंबर को मतदान (Voting) है. कांग्रेस (Congress) इस बार बहुमत हासिल करने और सरकार (Goverment) बनाने का दावा कर रही है. वहीं, बीजेपी (BJP) भी फिर से सत्ता में आने की बात कह रही है. इन सबके बीच कांग्रेस के लिए एक बुरी खबर है. टिकट बंटवारे (ticket distribution) को लेकर पार्टी में बगावत जारी है और विरोध करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
पार्टी ने ऐसे करीब 39 बागियों को पार्टी (Party) से निष्कासित (Expelled) भी किया है, लेकिन विरोध अब भी जारी है और बड़ा सवाल ये उठता है कि कहीं ये बागी नेता मतदान तक कांग्रेस का खेल न बिगाड़ दें. कई सीटों पर टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़कर निर्दलीय (independent) भी चुनाव मैदान में उतर गए हैं. आइए जानते हैं पूरी स्थिति.
कई बड़े नाम पार्टी के खिलाफ उतरे
पिछले दिनों कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण दो पूर्व विधायकों सहित 39 नेताओं को छह साल की अवधि के लिए पार्टी से निष्कासित किया है. इनमें से कई बागी नेताओं ने कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए नामांकन तक दाखिल कर दिया है. वहीं, कुछ बागियों को बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी या आम आदमी पार्टी से टिकट मिल गया है. कांग्रेस के लिए चिंता की बात ये है कि जिन 39 नेताओं को निष्कासित किया गया है उनमें पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डु, पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार, पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह और पूर्व प्रदेश पार्टी प्रवक्ता अजय सिंह यादव जैसे कुछ बड़े नाम भी हैं.
राष्ट्रीय नेताओं के जरिये भरपाई में जुटी कांग्रेस
वहीं, बागियों से जिस नुकसान की आशंका है उसकी भरपाई की कोशिश प्रदेश कांग्रेस राष्ट्रीय नेताओं के जरिये करने में लगी है. पार्टी यहां लगातार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा की जनसभाएं करा रही है. टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल गांधी चुनाव से पहले जबलपुर और भोपाल के बीच पदयात्रा भी कर सकते हैं. इससे वोटरों को लुभाने की पूरी कोशिश होगी.
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