भोपाल। सरकार (Government) जाने के बाद कांग्रेस (Congress) में फिर गुटबाजी का पुराना रोग उभर कर सामने आ गया है। विधानसभा में विपक्षी दल के रुप में कांग्रेस (Congress) के पास 96 विधायक हैं। यानी इस नाते कांग्रेस (Congress) को मजबूत और सरकार (Government) को मजबूर करने वाले विपक्ष की भूमिका में नजर आना चाहिए लेकिन सदन के अंदर कांग्रेस (Congress) बिखरी-बिखरी सी नजर आ रही है। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ (Kamalnath) हैं लेकिन वे भी सदन में कम नजर आ रहे हैं। उनकी गैरमौजूदगी में डॉ. गोविंद सिंह (Dr. Govind Singh) जैसे-तैसे कमान संभालते नजर आते हैं। चंद विधायकों को छोड़ दें तो बाकी में आक्रमकता ही नजर नहीं आती। सदन में सरकार (Government) को घेरने के बड़े-बड़े दावे करने वाली कांग्रेस (Congress) के पास बड़े मुद्दे होने के बाद भी कोई रणनीति दिखाई नहीं दे रही। सदन के अंदर कुछ विधायक जैसे कुणाल चौधरी (Kunal Chodhary), जीतू पटवारी (Jeetu Patwari), बाला बच्चन (Bala Bacchan) और विजयलक्ष्मी साधौ (Vijaylaxmi Sadho) जैसे कुछ विधायक हैं जो सरकार (Government) को घेरने की कोशिश करते हैं। डॉ. गोविंद सिंह (Dr. Govind Singh) इनका साथ बखूबी निभाते नजर आते हैं। लेकिन बाकी विधायक इतने सक्रिय नजर नहीं आते। उनमें न धार नजर आ रही है और न ही आक्रमकता। कांग्रेस (Congress) के एक वरिष्ठ विधायक कहते हैं कि ये सवाल तो नेता से करना चाहिए, हम तो कांग्रेस (Congress) कार्यकर्ता हैं। जिसको जैसा समझ में आता है वैसा करता है। इन्होंने नाम लिखने का तो मना किया लेकिन अपनी लाचारी और कांग्रेस (Congress) की स्थिति बता दी। कुणाल चौधरी (Kunal Chodhary) कहते हैं कि वे तो मुखरता से सरकार (Government) का विरोध कर रहे हैं, सरकार (Government) उनके सवालों से बच रही है। कांग्रेस की स्थिति को टालते हुए डॉ गोविंद सिंह (Dr. Govind Singh) ने कहा कि ये बजट सत्र है और आने वाले समय में हम सब संगठित होकर सरकार (Government) को घेरेंगे।
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