जयपुर। कांग्रेस ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है। गोविंदसिंह डोटासर को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। साथ ही गणेश घोघरा को अब राजस्थान कांग्रेस का नया युवा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘सचिन पायलट और उनके साथी बीजेपी की साजिश में फंस गए। मुझे खेद है कि ये लोग 8 करोड़ राजस्थानियों द्वारा चुनी गई कांग्रेस पार्टी की सरकार को गिराने की साजिश रच रहे हैं। इसलिए दुखी मन से कांग्रेस ने फैसला लिया है कि सचिन पायलट को उनके पद से मुक्त किया जाता है।
रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्री पद से मुक्त किया जाता है। राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है। दीपेंद्र सिंह शेखावत को कांग्रेस प्रदेश सेवा दल का नया अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है। सुरजेवाला ने कहा, कांग्रेस की सरकार व्यक्तियों पर नहीं टिकी है। कांग्रेस की सरकार नीति और सिद्धांतों पर टिकी है। कांग्रेस की सरकार राजस्थान की जनता के जनमत पर टिकी है। कोरोना महामारी और आर्थिक संकट से जूझने के लिए अपने कर्तव्य पर टिकी है। कांग्रेस सरकार पूरे पांच साल तक प्रदेशवासियों की सेवा करने के लिए तत्पर है।
इन सब घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने पहुंचे और उन्हें मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। दरअसल, फेयरमॉन्ट होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया था कि सचिन पायलट और बागी विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। इसके बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सचिन पायलट को डिप्टी सीएम के पद से हटाने का ऐलान कर दिया।
सूत्रों के मुताबिक युवा कांग्रेस ने कांग्रेस के आलाकमान के साथ बातचीत के बाद विधायक भाकर के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बनाया है और जल्द ही इसकी घोषणा की जा सकती है। भाकर खुलकर पायलट के साथ खड़े हैं और सोमवार-मंगलवार को जयपुर में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधते हुए सोमवार को ट्वीट किया था कि ‘‘हमें गहलोत की गुलामी मंजूर नहीं है’’ भाकर ने कहा था, ‘‘जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है,उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है। कांग्रेस में निष्ठा का मतलब है अशोक गहलोत की गुलामी, वो हमें मंजूर नहीं।
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