पटना। बिहार में चुनाव को लेकर सत्तारुढ़ दल की तैयारियां जोरों पर हैं । एक तरफ चर्चा है कि दीपावली के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। वहीं, कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। पार्टी में टूट के खतरे को भांपते हुए शुक्रवार को एक बार फिर से विधायक दल की बैठक बुलाई गयी है। जो सूचना आ रही है उसके अनुसार इस बैठक में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और कांग्रेस नेता अरविंद पांडेय भी शामिल होंगे और सभी विधायकों से वन टू वन बात की जाएगी।
कहा जा रहा है कि बिहार में विधान सभा चुनाव को लेकर जून में ही कांग्रेस हाई कमान ने प्रदेश नेतृत्व को विधान सभा वार एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया था। प्रदेश प्रभारी ने निर्देश दिया था कि वह प्रत्येक जिले में अपना पर्यवेक्षक भेजकर वहां से संभावित प्रत्याशियों की सूची तैयार करे। उस लिस्ट चुनाव से पहले हाई कमान को भेजना था।
इसके साथ ही कांग्रेस ने अभियान समिति के अध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश सिंह को कोरोना काल में कैसे चुनाव प्रचार किया जाए इस पर रिपोर्ट देने को कहा। लेकिन, कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि चुनाव अभियान समिति इसके बदले पूरे प्रदेश में कांग्रेस के समानांतर जीतने वाले प्रत्याशियों की एक लिस्ट तैयार करने लगी । इससे प्रदेश कांग्रेस में भ्रम की भी स्थिति बन गई। इसकी कांग्रेस हाई कमान को भी सूचना दी गई लेकिन उसका कोई फलाफल नहीं निकला।
कांग्रेस सूत्रों की मानें तो हद तो तब हो गई जब हाई कमान को प्रदेश कांग्रेस की सूची के बदले अखिलेश सिंह की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट भेज दी गई। चुनाव परिणाम सामने आने के बाद कांग्रेस में इसको लेकर विरोध शुरू हो गया है। बहरहाल कांग्रेस में चुनाव परिणाम आने के बाद बवाल मच गया है। कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने अब इस हार के लिए पार्टी के सीनियर नेताओं को कठघरे में खड़ा कर दिया है। उनका आरोप है कांग्रेस में पैसा लेकर टिकट का वितरण किया गया। (एजेंसी, हि.स.)
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