जबलपुर (Jabalpur) । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election) के लिए कांग्रेस (Congress) ने अपना रोडमैप तैयार कर लिया है. सोमवार को दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की बड़ी बैठक (meeting) में उन सभी मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनसे कांग्रेस को नफ़ा या नुकसान हो सकता है. पार्टी नेताओं को आलाकमान की तरफ से साफ निर्देश दिए गए है कि चुनाव में सिर्फ अपनी ही पिच पर बैटिंग करनी है. बैठक से बाहर निकलने के बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह दावा भी की कि पार्टी मध्य प्रदेश में 150 सीटें जीत रही है.
दरअसल, दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार 29 मई को मध्य प्रदेश के दिग्गज नेताओं के साथ शीर्ष नेतृत्व की बैठक हुई. पूर्व सांसद राहुल गांधी ने बैठक के बाद कहा कि हमारी लंबी चर्चा चली. हमारा आंतरिक आकलन है कि हमें कर्नाटक में 136 सीटें मिलीं. हमें मध्य प्रदेश में 150 सीटें मिलने वाली हैं. राहुल गांधी ने आगे कहा कि जो कर्नाटक में किया, उसे रिपीट करेंगे.
एमपी के ये दिग्गज नेता मौजूद थे बैठक में
दिल्ली में हुई बैठक में कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के अलावा महासचिव के सी वेणुगोपाल, राज्य के पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांति लाल भूरिया, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, सांसद विवेक तन्खा, राज मणि पटेल, नकुल नाथ और पूर्व स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति भी मौजूद थे. इसके साथ ही युवा नेता जीतू पटवारी और कमलेश्वर पटेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग से जुड़े थे.
कमलनाथ को सीएम चेहरा बनाने का प्रस्ताव
यह भी कहा जा रहा है कि बैठक में मध्य प्रदेश के नेताओं ने कमलनाथ को सीएम का चेहरा बनाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर राहुल गांधी तो मौन थे लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी सहमति जता दी. बैठक में यह भी तय किया गया कि 12 जून को प्रियंका गांधी महाकौशल इलाके के जबलपुर से मध्य प्रदेश में चुनावी अभियान का शंखनाद करेंगी.
राहुल ने की वन-टू-वन
यहां बताते चले कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नवम्बर-दिसम्बर में हो सकता है. इसकी रणनीति बनाने को लेकर यह कांग्रेस संगठन की पहली औपचारिक बैठक थी. राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के नेताओं से चुनाव के मुद्दे पर वन-टू-वन बातचीत करके उनके विचार जाने. बैठक में पार्टी नेताओं की एकता पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया और साथ ही यह ताकीद भी की गई की बयानबाजी करते समय सेल्फ गोल करने से बचना होगा.
राहुल की कांग्रेस नेताओं को 10 नसीहत
1. अपने मुद्दों पर बात करें. जनता का ध्यान इधर-उधर भटकाने की बीजेपी की रणनीति कामयाब न होने दें.
2. बीजेपी के जाल में फंसने से बचना है. बीजेपी चुनाव में उलझने वाले मुद्दे लेकर आएगी, उन पर प्रतिक्रिया से दूर रहना होगा.
3. बीजेपी को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरना है. कांग्रेस को कर्नाटक में PayCM 40% कैम्पेन का बहुत फायदा मिला था. इसलिए भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी को कोई स्पेस नहीं देना है. इस मुद्दे को जोर-शोर से जनता के बीच ले जाना है
4. शिवराज सरकार की 18 साल की एन्टी इनकम्बेंसी को भुनाना है.
5. कांग्रेस नेताओं को खास तौर पर नसीहत दी गई कि संवेदनशील मुद्दों पर बयान देने से बचें.
6. कुछ नेताओं ने यह सुझाव भी दिया कि पीएम मोदी पर निजी हमला करने से बचना होगा. इसे पार्टी लाइन पर स्वीकार कर लिया गया.
7. सभी नेताओं को साफ तौर पर कहा गया कि पार्टी में एकता दिखनी चाहिए. नए-पुराने नेता साथ मिलकर चलें और चुनाव में जीत के लिए जी-जान लगा दें.
8.1500 रुपये महीने वाली नारी सम्मान योजना, 500 रुपये में गैस सिलेंडर और 100 यूनिट बिजली बिल माफ, जैसे संकल्प का प्रचार गांव-गांव तक करें.
9. गरीबों पर खास फोकस रखना है. बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर शिवराज सरकार को लगातार घेरते रहना है ताकि जनमानस के बीच यह मुद्दा हमेशा गर्म रहे.
10.आदिवासी समाज पर फोकस करना जो कांग्रेस का कोर वोटर है.पिछले चुनाव में आदिवासी सीटों पर कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया था.
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