नई दिल्ली (New Delhi) । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) के विपक्षी गठबंधन तोड़ने से कांग्रेस ‘राहत’ में नजर आ रही है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Congress General Secretary Jairam Ramesh) ने सोमवार को कहा कि नीतीश कुमार के ‘महागठबंधन’ को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में जाने से विपक्षी गुट ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (INDIA) में अब कई नेता ‘राहत की सांस ले रहे हैं’।
राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के बिहार में प्रवेश करने के तुरंत बाद किशनगंज जिले में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए रमेश ने जदयू अध्यक्ष को राजग सहयोगी के रूप में अपनी स्थिति का लाभ उठाने और केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार को पिछली मनमोहन सिंह सरकार द्वारा कराए गए जाति सर्वेक्षण की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के लिए मजबूर करने की भी चुनौती दी।
नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘कुमार के बाहर निकलने से INDIA गठबंधन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। कई नेता राहत की सांस ले रहे हैं और कह रहे हैं कि भगवान का शुक्र है कि यह आदमी चला गया। यह अच्छी मुक्ति है।’
रमेश ने कहा, ‘यह सच है कि कुमार ने पटना में विपक्षी नेताओं की पहली बैठक की मेजबानी की थी और उसके बाद के सभी सम्मेलनों में भाग लेते रहे थे। लेकिन हालांकि हम यह पता नहीं लगा सके कि उनकी योजनाएं क्या थीं, लेकिन पिछले दो या तीन महीनों में उनका व्यवहार अविश्वास पैदा करने वाला था।’ नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘इसका ‘INDIA’ गठबंधन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा…बिल्कुल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। ये नीतीश कुमार की शैली है….यह ‘आया राम, गया राम’ नहीं है, बल्कि यह ‘आया कुमार, गया कुमार’ है।’
रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि ‘नीतीश कुमार द्वारा विश्वासघात’ की पूरी भूमिका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रची गई थी। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली में बैठे ‘झूठ के जगतगुरू’ और पटना में बैठे ‘विश्वासघात के विशेषज्ञ’ के बीच जुगलबंदी है।
रमेश ने कहा, ‘नीतीश कुमार पिछली बैठकों में हमारे साथ थे, लेकिन कल जो हुआ है वो सही नहीं है। एक राजनेता को लोगों ने मौसम वैज्ञानिक कहा था, लेकिन नीतीश कुमार मौसम वैज्ञानिक नहीं, बल्कि राजनीतिक गिरगिट हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जब 14 जनवरी को मणिपुर के थौबल से भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू हुई तो प्रधानमंत्री मोदी ने मिलिंद देवरा को कांग्रेस से हटाने के लिए ‘मुहूर्त’ तय किया। इसलिए, सुर्खियां भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बजाय ‘मिलिंद देवरा’ बन गईं।
रमेश ने आरोप लगाया, ‘उनकी (भाजपा) नजर भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बिहार के किशनगंज में प्रवेश करने पर थी। इसलिए उन्होंने पलटी मारने में महारत रखने वाले नीतीश कुमार को पाला बदलने के लिए कहा… उन्होंने ऐसा ही किया।’ उन्होंने कहा कि बिहार की जनता आगामी चुनाव में जवाब देगी।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को लेकर रमेश ने कहा कि नरेन्द्र मोदी प्रतिशोध की राजनीति करते है। विरोधियों के खिलाफ सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन जिनके खिलाफ एजेंसियों को लगाना चाहिए उन्हें अपनी वाशिंग मशीन में डाल देते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हम डरने वाले नहीं हैं। हम ईडी और सीबीआई का सहारा लेने वाली सरकार के खिलाफ लड़ेंगे।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ झारखंड में प्रवेश करने वाली है तो सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सीटों के बंटवारे को लेकर तृणमूल कांग्रेस के साथ बातचीत हो रही है।
उन्होंने दावा किया कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के किशनगंज जिले में पहुंचने के बाद कांग्रेस को यहां की जनता से जबरदस्त समर्थन मिला है। राहुल गांधी के नेतृत्व वाली यह यात्रा पश्चिम बंगाल से बिहार में दाखिल हुई है। देर शाम राहुल की यात्रा अररिया जिले में प्रवेश कर गई।
अररिया में पत्रकारों से बातचीत करते हुए रमेश ने कहा, ‘अररिया में पदयात्रा में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया… बिहार के लोग बड़े उत्साह के साथ यात्रा का स्वागत कर रहे हैं। असम और बंगाल की तरह बिहार में भी यात्रा को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है।’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘दिल्ली में बैठे और यात्रा को रोकने की साजिश रचने वाले भाजपा नेताओं को यह समझ लेना चाहिए कि यह यात्रा तब तक रुकने वाली नहीं है जब तक लोगों को न्याय का अधिकार नहीं मिल जाता। लोग केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 10 साल के शासन से तंग आ चुके हैं। प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल को ‘अमृत काल’ कहते हैं जबकि वास्तव में यह ‘अन्याय काल’ है।
नीतीश कुमार ने रविवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार का गठन किया। उन्होंने करीब दो दशक के दौरान नौवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। नीतीश ‘INDIA’ गठबंधन के सूत्रधार थे। उनकी पहल पर ही पिछले साल जून में विपक्षी एकजुटता और फिर इस गठबंधन की बुनियाद रखी गई थी। नीतीश के राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (राजग) में वापस जाने को विपक्षी दलों के एकजुट होने की कवायद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved