नई दिल्ली (New Delhi) । अयोध्या (Ayodhya) में 22 जनवरी को होने वाली रामलला (Ramlala) की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सियासत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। कांग्रेस ने जहां अयोध्या (Ayodhya) कार्यक्रम को एक चुनावी इवेंट करार दिया है, वहीं भाजपा (BJP) ने कांग्रेस पार्टी (congress party) पर निशाना साधते हुए उसे मुगल शासक बाबर के प्रति उदार बताया है। कांग्रेस द्वारा अयोध्या कार्यक्रम का निमंत्रण ठुकराने के बाद भाजपा नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को बाबर के मकबरे पर पहुंचे राहुल गांधी की पुरानी तस्वीर साझा की। सवाल किया है कि गांधी परिवार की तीन पीढ़ियां यहां आ चुकी हैं लेकिन रामलला से इतनी नफरत क्यों है?
Three generations of the Gandhi family, including Rahul Gandhi in 2005, visited the Babar Tomb in Afghanistan. Why is there so much hatred for Ram Lala? Why do you hate Hindus so much? pic.twitter.com/wDG1p4lp6M
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) January 11, 2024
कांग्रेस पर बरसे हिमंत बिस्वा सरमा
हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी की तस्वीर शेयर करते हुए एक्स पर लिखा, “2005 में राहुल गांधी सहित गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों ने अफगानिस्तान में बाबर के मकबरे का दौरा किया। रामलला से इतनी नफरत क्यों? आप हिंदुओं से इतनी नफरत क्यों करते हैं?”
कांग्रेस ने किया अयोध्या कार्यक्रम से किनारा
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने बुधवार को अयोध्या कार्यक्रम पर अपना रुख स्पष्ट किया और कहा कि सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह कार्यक्रम स्पष्ट रूप से भाजपा और आरएसएस का कार्यक्रम है और मंदिर अभी तक पूरा नहीं हुआ है मगर भाजपा को प्राण प्रतिष्ठा करने की जल्दी है क्योंकि लोकसभा चुनाव करीब हैं।
भाजपा ने नेहरु को लेकर कांग्रेस को घेरा
कांग्रेस के इस बयान के बाद से भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी नोकझोंक जारी है। इसी क्रम में भाजपा कांग्रेस को ‘हिंदू विरोधी’ बता रही है। राहुल गांधी की तस्वीर से पहले भाजपा ने नेहरू का जिक्र करते हुए कांग्रेस को घेरा था। भाजपा ने गुरुवार को इस विवाद में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जिक्र किया। भाजपा ने कहा कि नेहरू ने सोमनाथ मंदिर के साथ भी ऐसा ही किया था और इतिहास कांग्रेस को हिंदू विरोधी पार्टी मानता रहेगा। हिमंत ने अपने पहले पोस्ट में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “अयोध्या आने के इस निमंत्रण को स्वीकार करके वे (कांग्रेस) प्रतीकात्मक रूप से हिंदू समाज से माफी मांग सकते थे।”
इंडिया गुट के घटक दलों ने भी जताया विरोध
उधर कांग्रेस ने नेहरू के संदर्भ पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्हें पूरी तरह से पारदर्शी बताया। कांग्रेस के अलावा सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस ने भी अयोध्या कार्यक्रम को भाजपा का सियासी इवेंट बताया। इन पार्टियों का कहना है कि भाजपा इस कार्यक्रम से राजनीतिक लाभ उठाने की फिराक में है। अपने विचार में इन पार्टियों ने धर्म को निजी मामला बताया। हालांकि, समाजवादी पार्टी नेता डिंपल यादव ने पहले कहा था कि वह इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहेंगी, लेकिन पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि धर्म राजनीति का हिस्सा नहीं हो सकता।
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