नई दिल्ली । जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के अनंतनाग जिले (Anantnag district) में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम (destination) में मंगलवार को आतंकियों ने भीषण हमला कर दिया। जानकारी के मुताबिक आतंकियों ने सैलानी और स्थानीय लोगों पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी जिससे लोगों का संभलने का मौका नहीं मिला। हमले में 26 लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं कई सैलानी घायल भी हुए हैं। इस हमले पर कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया जारी कर सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की है।
पहलगाम हमले की निंदा करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में पर्यटकों के मारे जाने और कई लोगों के घायल होने की खबर बेहद निंदनीय और दिल दहलाने वाली है। मैं शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की आशा करता हूं।” राहुल गांधी ने आगे कहा, “आतंक के खिलाफ पूरा देश एकजुट है। सरकार जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने के खोखले दावों के बजाय अब जवाबदेही लेते हुए ठोस कदम उठाए ताकि आगे ऐसी बर्बर घटनाएं न होने पाएं और निर्दोष भारतीय यूं अपनी जान न गंवाएं।”
सोनिया गांधी ने की निंदा
वहीं कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ उसी तरह की व्यापक सामाजिक सहमति बनाने के लिए काम करने की जरूरत है जो अतीत में हुआ करती थी।उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ देश एकजुट है। सोनिया गांधी ने एक बयान में कहा, “जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में निर्दोष पर्यटकों पर हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले के बारे में जानकर मैं बहुत दुखी और मर्माहत हूं।”उन्होंने कहा कि हिंसा का सहारा लेना कायरतापूर्ण कृत्य है और इसकी निःसंदेह निंदा की जानी चाहिए।
नागरिकों की सुरक्षा हो सुरक्षित
सोनिया गांधी ने कहा, “मैं उन परिवारों का दर्द समझती हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है और उनके प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं। मैं घायलों के पूर्ण एवं शीघ्र स्वस्थ होने की भी प्रार्थना करती हूं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंक के खिलाफ पूरा देश एकजुट है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, “हम इन विभाजनकारी और हिंसक ताकतों को हराने का संकल्प साझा करते हैं। हमें आतंक के खिलाफ उस तरह व्यापक सामाजिक सहमति बनाने के लिए काम करने की जरूरत है जो अतीत में हुआ करती थी।” उन्होंने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि हमारे नागरिकों की सुरक्षा और शांति सुनिश्चित हो।’’
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