भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार के गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने 15 आईपीएस अधिकारियों (IPS Officers) के तबादले (Transfers) की सूची जारी की थी, इसमें लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद का भी तबदला भी हुआ है. वहीं अब उनके ट्रांसफर को लेकर कांग्रेस (Congress) ने सवाल खड़े कर दिए हैं. विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Umang Singhar) का आरोप है कि सरकार सौरभ शर्मा कांड को पर लीपा पोती करना चाहती है, इसलिए लोकायुक्त के महानिदेशक को हटा दिया गया है.
विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि आज भी कांग्रेस विधायक दल का वही सवाल है कि सौरभ शर्मा मामले में छापामार कार्रवाई के दौरान मिली सोने की ईंट किसकी है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल ने आर्थिक अपराध अध्यक्ष ब्यूरो और लोकायुक्त के पुलिस महानिदेशक के साथ-साथ सरकार से भी बार-बार सवाल पूछा है.
इस संबंध में लोकायुक्त के महानिदेशक जयदीप प्रसाद को ज्ञापन भी दिया गया था. लोकायुक्त पुलिस ने ही पूरा मामले का पर्दाफाश किया था. लोकायुक्त की जांच आगे चल रही थी. इसी दौरान डीजी जयदीप प्रसाद को हटा दिया गया है. कांग्रेस ने इस तबादले को लेकर सरकार के सामने कई सवाल खड़े किए हैं.
वहीं इस मामले को लेकर प्रदेश बीजेपी के सह मीडिया प्रभारी सचिन सक्सेना ने कहा, “अधिकारियों का तबादला एक रूटीन प्रक्रिया है. कांग्रेस तबादले को लेकर भी राजनीति कर रही है. कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है. किसी भी अधिकारी का तबादला होने से किसी प्रकरण पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. यह बात हर कोई समझता है, मगर मुद्दा विहीन कांग्रेस इसे भी मुद्दा बनाना चाहती है.”
विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के पास इतनी बड़ी तादाद में सोना, चांदी, नगदी और अन्य संपत्ति नहीं हो सकती है. यह संपत्ति और सोना किसी अन्य व्यक्ति का है. यह प्रकरण सामने आने के बाद कई महीने बीत चुके हैं, मगर अभी तक हैरत की बात यह है कि यह भी पता नहीं चल पाया कि सोने की ईंट किसकी थी ? कांग्रेस केवल सच्चाई सामने लाना चाहती है.
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