चंडीगढ़: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के पंजाब के सुनाम में डेरा खोलने के ऐलान से पंजाब की सियासत गरमाई हुई है. पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखजिंदर रंधावा ने सुनाम में डेरा खोलने के ऐलान पर एक बार फिर से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस मामले में क्यों खामोश हैं.
रंधावा ने कहा कि पंजाब में डेरा खोलने से माहौल खराब होगा. रंधावा ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों से ही डेरामुखी की गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हमें पाखंडी बाबाओं से बचना चाहिए. रंधावा ने डेरा प्रमुख को बार-बार पैरोल दिए जाने पर भी सवाल उठाए हैं. हालांकि जेल अधिकारियों के अनुसार एक दोषी हर साल 90 दिनों की पैरोल का हकदार होता है.
7 फरवरी को, राम रहीम को पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले छुट्टी दे दी गई थी और खालिस्तान समर्थक तत्वों से उनके जीवन के लिए एक उच्च स्तर के खतरे के कारण उन्हें जेड-प्लस सुरक्षा प्रदान की गई थी. राम रहीम 40 दिन की पैरोल पर हैं. वह हरियाणा की सुनारिया जेल से पैरोल मिलने के बाद बरनावा आश्रम में रह रहे हैं. राम रहीम अपने शिष्यों को ऑनलाइन संबोधित करते रहे हैं. इसी दौरान हाल ही में उन्होंने पंजाब में एक डेरा खोलने की बात कही है.
राम रहीम ने अपने कारावास को ‘आध्यात्मिक यात्रा’ करार दिया और कहा कि वह इस पर एक किताब लिख रहे हैं. राम रहीम, जिसे पहली बार अगस्त 2017 में पंचकूला में एक विशेष सीबीआई अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया था, सिरसा में डेरा मुख्यालय में अपनी दो महिला शिष्यों के साथ बलात्कार के लिए 20 साल जेल की सजा काट रहे हैं. 2019 में, राम रहीम और तीन अन्य को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की 2002 की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था.
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