नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव (congress president election) की लड़ाई रोचक होती जा रही है। सांसद शशि थरूर (MP Shashi Tharoor) और राजस्थान के मुख्यंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) के बीच मुकाबला हो सकता है। थरूर ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। जयपुर में आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने वाली है, जिसमें राजस्थान में नए मुख्यमंत्री और गहलोत के इस्तीफे की घोषणा हो सकती है। इस बीच पार्टी के कई नेता गहलोत को नेहरू-गांधी परिवार का वफादार (Nehru-Gandhi family loyalist) बताते हुए उनके समर्थन में सामने आए हैं।
केरल के कांग्रेस सांसद कन्नोथ मुरलीधरन ने कहा है, “कांग्रेस सांसद थरूर पार्टी प्रमुख का चुनाव लड़ सकते हैं, क्योंकि सोनिया गांधी ने स्पष्ट कहा है कि कोई भी यह चुनाव लड़ सकता है।” गहलोत के जीतने की संभावना की तरफ इशारा करते हुए मुरलीधरन ने कहा, “अशोक गहलोत ने खुले तौर पर कहा कि वह नेहरू-गांधी परिवार का समर्थन करते हैं। ऐसे में अगर वह नामांकन करते हैं तो हमारा वोट अशोक गहलोत को ही जाएंगे। वह एक वरिष्ठ व्यक्ति हैं और इस पद को संभालने के लिए एक सक्षम व्यक्ति हैं।” उन्होंने आगे कहा, “राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करेंगे, लेकिन वह आधिकारिक पद नहीं लेंगे।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पार्टी में ‘एक आदमी-एक पद’ के सिद्धांत को लागू करने पर जोर देने के साथ राजस्थान सरकार के कई मंत्रियों ने भी अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दोनों पदों पर बनाए रखने की वकालत की है।
सोनिया गांधी ने राजस्थान के प्रभारी महासचिव अजय माकन के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। एआईसीसी महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने कहा कि वे राजस्थान विधानसभा के कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में शामिल होंगे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में सचिन पायलट?
राजस्थान सरकार में शामिल कुछ मंत्रियों ने नए मुख्यमंत्री के रूप में सचिन पायलट का समर्थन भी किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान इस संबंध में जो भी फैसला करेगा, वह उसे स्वीकार करेंगे। सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने पायलट को राजस्थान में कांग्रेस का ‘सर्वश्रेष्ठ चेहरा’ बताया है।
वहीं, राजस्थान में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा, ”राज्य में एक साल में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अगर आलाकमान उन्हें दोनों पद (कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री) देता है तो यह हमारे लिए अधिक सुखद होगा।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ”मेरा मानना है कि गहलोत के पास दोनों पद एक साथ रहेंगे। उसके बाद भी पार्टी नेतृत्व जो भी फैसला करेगा, हम उसके साथ हैं।”
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “हम सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलकर अनुरोध करेंगे कि राजस्थान नेतृत्व परिवर्तन नहीं चाहता है। हम अपने विचार रखेंगे। हमें चुनाव में अशोक गहलोत के कार्यों को लोगों के बीच लेना होगा, इसलिए इसमें बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं है। हमें भाजपा को हराना है और अगर चुनाव गहलोत के नेतृत्व में लड़ा जाता है तो इससे पार्टी को फायदा होगा।” आपको बता दें कि खाचरियावास कभी पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के वफादार थे।
विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी भी मैदान में?
पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री पद की दौड़ में पायलट मुख्य दावेदार हैं, हालांकि विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी का नाम भी चर्चित चेहरों में शामिल है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जोशी 2008 में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में थे, लेकिन फिर वे विधानसभा चुनाव एक वोट से हार गए थे।
इस बीच जाट महासभा समेत कई संगठनों ने एक जाट नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठानी शुरू कर दी है। जाट महासभा के अध्यक्ष राजा राम मील ने मांग की कि एक जाट नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाए क्योंकि गहलोत ने सीएम पद छोड़ने की घोषणा की है।
राज्य के आगामी मुख्यमंत्री के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा, “मुख्यमंत्री का नाम पार्टी आलाकमान द्वारा तय किया जाता है। सोनिया गांधी जो भी फैसला लेंगी उसे सभी मानेंगे।’ उन्होंने कहा, “मैं राजनीति में शुरू से ही गहलोत जी के साथ था, मैं तीसरी बार मंत्री हूं। आलाकमान ने हमेशा गहलोत जी को सीएम बनाया है।
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