नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव (congress president election) को लेकर स्थिति अब पूरी तरह से साफ हो चुकी है। मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge), शशि थरूर मैदान में हैं। असली लड़ाई खड़गे और थरूर के बीच होती दिख रही है। हालांकि, इसमें भी गांधी परिवार (Gandhi family) के वफादार और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Leader of Opposition Mallikarjun Kharge) का ही पलड़ा भारी दिख रहा है। सियासी जानकारों को तो यह भी मानना है कि आठ अक्टूबर तक स्थिति और बदल सकती है। आपको बता दें कि नामांकन वापस (nomination back) लेने की यह आखिरी तारीख है। अगर थरूर नामांकन वापस लेते हैं तो खड़गे की राह और आसान हो जाएगी और वह एक दमदार जीत दर्ज कर सकते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में जब शशि थरूर ने अपना नामांकन दाखिल किया तो साफ था कि G-23 कहे जाने वाले कांग्रेस के असंतुष्ट गुट के ज्यादातर नेताओं ने अपना पाला बदल दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहसिना किदवई, सैफुद्दीन सोज, केवल 4 सांसद और G-23 के एक प्रमुख नेता संदीप दीक्षित उन लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए शशि थरूर की उम्मीदवारी के समर्थन में नामांकन फॉर्म पर हस्ताक्षर किए। शशि थरूर की उम्मीदवारी के समर्थन में नामांकन फॉर्म पर सांसद- कार्ति चिदंबरम, प्रद्युत बोरदोलोई, एमके राघवन और मोहम्मद जावेद ने हस्ताक्षर किए हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष पद (congress president post) का चुनाव लड़ रहे शशि थरूर (Shashi Tharoor) की इच्छा है कि उनके और मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) के बीच ‘पार्टी के भविष्य को लेकर दोनों का क्या विजन है’, इस मुद्दे पर सार्वजनिक चर्चा होनी चाहिए। थरूर की इस इच्छा पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए खड़गे ने कहा कि ‘यह एक दूसरे को नहीं, बल्कि आरएसएस-भाजपा को चुनौती’ देने का समय है। दलित समुदाय से आने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को, कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है।
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