भोपाल। छिंदवाड़ा में कांग्रेस के चुने गए महापौर विक्रम आहाके (Mayor Vikram Ahake) सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। इसकी वजह यह है कि गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले विक्रम महज 30 साल की उम्र में ही शहर के प्रथम नागरिक बन गए। छिंदवाड़ा के राजाखोह गांव में विक्रम के पिता नरेश जहां खेती करते हैं, वहीं मां निर्मला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। विक्रम ने ग्रेजुएशन किया है, लेकिन खेती-किसानी उनका मुख्य पेशा रहा है। विक्रम ने भाजपा के अनंत धुर्वे को 3786 मतों से हराया।
विक्रम आहाके छिंदवाड़ा जिले के राजाखोह गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता नरेश आहाके किसान हैं और मां निर्मला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। विक्रम महज 30 साल की उम्र के छिंदवाड़ा के पहले महापौर होंगे। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले विक्रम ने ग्रेजुएशन किया है और खेती-किसानी उनका मुख्य पेशा रहा है। अब तक विक्रम आहाके कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष थे।
दरअसल, छिंदवाड़ा को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former Chief Minister of the state Kamal Nath) का गढ़ कहा जाता है और एक लंबे अंतराल के बाद छिंदवाड़ा महापौर पद पर कांग्रेस ने एक बड़ी जीत दर्ज की है। कांग्रेस की यह 18 साल बाद जीत हुई है।
18 साल के वनवास खत्म: विक्रम
विजयी कांग्रेस प्रत्याशी का विक्रम आहाके का कहना है कि यह जीत छिंदवाड़ा की जनता की जीत है। कमलनाथ जी और नकुलनाथ जी के नाम पर विश्वास जताया है। मैं छिंदवाड़ा की समस्त जनता का ह्रदय आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने कांग्रेस के 18 साल के वनवास को जीत में तब्दील कर दिया।
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