नई दिल्ली: कांग्रेस को अस्तित्व के संकट का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि आयकर विभाग पार्टी से उसकी कुल संपत्ति (लगभग 1,430 करोड़ रुपये) की तुलना में लगभग दोगुनी धनराशि बतौर कर बकाए के तौर पर भुगतान करने को कह सकता है. कांग्रेस ने शुक्रवार को बताया कि उसे 5 वित्त वर्ष (असेसमेंट ईयर या मूल्यांकन वर्ष) के लिए 1,823 करोड़ रुपये के आयकर मांग का नोटिस दिया गया है. पार्टी को अभी तीन और मूल्यांकन वर्षों के लिए नोटिस भेजा जाना है.
सूत्रों ने बताया कि 31 मार्च से पहले शेष मांग नोटिस की तामील के बाद कांग्रेस से वसूली जाने वाली कुल राशि 2,500 करोड़ रुपये को पार कर सकती है. यह कांग्रेस के लिए अब तक की सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है, क्योंकि पार्टी की कुल संपत्ति लगभग 1,430 करोड़ रुपये है, जबकि बकाए टैक्स की देनदारी 2500 करोड़ रुपये है. आकलन वर्ष 2023-24 के लिए अपने नवीनतम आईटी रिटर्न में कांग्रेस ने कहा था कि उसके पास लगभग 657 करोड़ रुपये का कोष, 340 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति और 388 करोड़ रुपये की नकदी और नकद समकक्ष है- कुल मिलाकर लगभग 1,430 करोड़ रुपये.
कैसे चुकाएगी देनदारी?
संक्षेप में कहें तो कांग्रेस दिवालिया होने के बाद भी 2,500 करोड़ रुपये की इतनी रकम नहीं चुका पाएगी, क्योंकि यह रकम उसकी नेटवर्थ से कहीं ज्यादा है. आईटी विभाग वसूली पर रोक लगाने के लिए मांगी गई राशि का 20 प्रतिशत भुगतान करने का विकल्प देता है. बता दें कि कांग्रेस पार्टी को 7 साल के रिटर्न के पुनर्मूल्यांकन के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली है. इस सप्ताह की शुरुआत में उनकी याचिकाएं खारिज कर दी गईं. एक सरकारी सूत्र ने बताया कि यही कारण है कि कांग्रेस ने पिछले हफ्ते सोनिया गांधी की अध्यक्षता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की क्योंकि उन्हें इन सात वर्षों के लिए भारी मांग नोटिस की आशंका थी.
सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में कांग्रेस
आईटी विभाग के कदमों को रोकने के लिए कांग्रेस अब सुप्रीम कोर्ट जाएगी. अब तक कांग्रेस को वित्तीय वर्ष 1993-1994, 2016-17, 2017-18, 2018-19 और 2019-2020 के लिए आईटी डिमांड नोटिस प्राप्त हुए हैं. सबसे भारी मांग 2018-19 के लिए 918 करोड़ रुपये की है. यह देश में 2019 चुनावी साल भी था. आईटी विभाग आने वाले दिनों में मूल्यांकन वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2020-21 के लिए कांग्रेस को तीन और नोटिस जारी करने की तैयारी में है. यह पूरी कार्रवाई आईटी विभाग द्वारा कांग्रेस को 520 करोड़ रुपये के नकद भुगतान के बारे में 2019 में दो कॉरपोरेट्स पर छापे के दौरान मिले तथ्य के आधार पर की जा रही है.
135 करोड़ की वसूली
आईटी विभाग ने मामला बनाया है कि इसलिए कांग्रेस आयकर अधिनियम की धारा 13 (ए) के तहत अपनी आय पर आयकर का भुगतान करने से छूट का दावा नहीं कर सकती, क्योंकि प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है. आईटी विभाग ने आकलन वर्ष 2018-19 के लिए आईटी रिटर्न में उल्लंघन के लिए कांग्रेस के बैंक खातों से 135 करोड़ रुपये पहले ही वसूल कर लिए हैं.
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