प्रत्याशियों की घोषणा के बाद भी पार्टी बदल सकते हैं कुछ नेता
भोपाल (रामेश्वर धाकड़)। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विधानसभा चुनाव (assembly elections) के लिए ‘जीतने’ वाली रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। पार्टी के रणनीतिकार प्रमुख विपक्षी दल कांगे्रस को लेकर भी मंथन कर रहे हैं। उन नेताओं के संपर्क में हैं, जो दल बदलना चाहते हैं, जिनमें से कुछ ऐसे नेता भी हैं, जो कांग्रेस (Congress) से टिकट के दावेदार हैं। भाजपा (BJP) अपनी रणनीति में सफल रही तो प्रत्याशी घोषित होने के बाद बीच चुनाव में दो-चार नेताओं को पार्टी में शामिल कराकर कांग्रेस को ‘भागीरथी’ झटका दे सकती है।
भाजपा (BJP) की ओर से ग्वालियर-चंबल, महाकौशल और मालवा-निमाड़ (Gwalior-Chambal, Mahakaushal and Malwa-Nimar) क्षेत्र के लिए इस तरह की गोटियां फिट की जा रही हैं। इसको लेकर भाजपा संगठन के कुछ नेता विरोधी दल के नेताओं से लगातार संपर्क में हैं। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के दो मौजूदा विधायकों की भाजपा के रणनीतिकारों के साथ दिल्ली में मुलाकात की खबरें हैं। हालांकि इसकी किसी ने पुष्टि नहीं की है। इसी तरह कांगे्रस महासचिव प्रियंका गांधी (Congress general secretary Priyanka Gandhi) की 12 जून को जबलपुर की सभा के बाद भाजपा महाकौशल में सक्रिय हो गई। मालवा-निमाड़ में संघ के अनुषंागिक संगठन इस काम में भाजपा का सहयोग कर रहे हैं। खबर है कि भाजपा के रणनीतिकारों ने कांगे्रस के आदिवासी, अनुसूचित जाति वर्ग के नेताओं से संपर्क साधा है, जिसमें कुछ जयस पृष्ठभूमि के नेताओं के नाम की भी चर्चा हैं। भाजपा इस काम को मिशन 2023 के तहत बेहद गोपनीय तौर पर अंजाम देने में जुटी है। हालांकि इसमें कितनी सफल हो पाती है, यह अभी तय नहीं है। उल्लेखनीय है कि 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान भिंड से कांग्रेस प्रत्याशी तय होने के बाद भागीरथ प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए थे।
इसलिए चुने क्षेत्र विशेष
भाजपा मौजूदा स्थिति में महाकौशल, ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस की अपेक्षा बेहद कमजोर है, जबकि मालवा-निमाड़ में दोनों-बराबरी पर हैं। चुनाव के बीच यदि इन क्षेत्रों में एक-एक कांगे्रस नेता को भाजपा में शामिल करा लिया जाता है तो इससे भाजपा को चुनाव में सियासी लाभ मिल सकता है।
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