चंडीगढ़। पंजाब (Punjab) में होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Election 2022) से ठीक पहले कांग्रेस (Congress) ने 13 वादों के साथ घोषणा पत्र जारी कर दिया है। पंजाब कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कई बड़े वादे किए हैं। कांग्रेस के घोषणा पत्र में जो सबसे बड़ा वादा है वह सरकार बनते ही एक लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का है। इसके साथ ही महिलाओं के लिए 1,100 रुपए प्रति माह देने, आठ मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर (free cooking gas cylinder) प्रति वर्ष और एक लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया गया।
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में शराब और बालू खनन की बिक्री के लिए निगम बनाकर माफिया राज को खत्म करने का भी वादा किया। इस मौके पर सीएम चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू (Congress chief Navjot Singh Sidhu) मौजूद रहे। घोषणापत्र जारी करते हुए सीएम चन्नी ने कहा, पहले हस्ताक्षर से एक लाख नौकरियां दूंगा। कांग्रेस ने पांच साल में पांच लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया है। सीएम चन्नी ने इस मौके पर ये भी कहा कि हर कर्मचारी को पक्का करेंगे। सीमा पार से ड्रोन, ड्रग्स के सवाल पर चन्नी ने कहा, ये सब कुछ चुनाव में पंजाब को डराने के लिए किया जा रहा है।
चन्नी ने आगे कहा, पंजाब के लोग कृष्ण बन कर आशीर्वाद देंगे, मैं सुदामा बन कर सेवा करूंगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि सिद्धू का पंजाब मॉडल लागू करेंगे। सीएम ने कहा कि सबको मुफ्त शिक्षा दिलवाना मेरी प्राथमिकता होगी, अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों के साथ अगड़ी जातियों के गरीबों के लिए छात्रवृत्ति शुरू की जाएगी। सीएम ने कहा कि 6 महीने में पंजाब में कोई कच्चा मकान नहीं रहेगा।
मीडिया को संबोधित करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पार्टी की सरकार किसानों से तिलहन, दलहन और मक्का खरीदेगी। विधानसभा चुनाव के (assembly election campaign) के आखिरी दिन कांग्रेस का घोषणापत्र आया। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पार्टी का 13 सूत्री एजेंडा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दृष्टिकोण को दर्शाता है। सिद्धू ने कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में लौटती है तो पहला फैसला एक लाख सरकारी नौकरी देने का होगा। सिद्धू ने कहा कि गृहणियों को आठ रसोई गैस सिलेंडर के अलावा वित्तीय सहायता के रूप में 1,100 रुपए प्रति माह दिए जाएंगे।
पंजाब राज्य में कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party), शिरोमणि अकाली और बीजेपी (Shiromani Akali and BJP) भी मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस और ‘आप’ के बीच ही माना जा रहा है। कई सालों के बाद पंजाब में बीजेपी और अकाली दल अलग-अलग अलग चुनाव लड़ रहे हैं। कृषि कानूनों के मसले पर शिरोमणि अकाली दल ने न केवल एनडीए से हटने का ऐलान किया था बल्कि इसे बीजेपी के साथ अपना गठबंधन का तोड़ लिया था।
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