इंदौर। भारत जोड़ो यात्रा (bhaarat jodo yaatra) पांच दिसंबर को राजस्थान (rajasthan) में प्रवेश कर जाएगी। पर, इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट (senior leader Sachin Pilot) के बीच झगड़े ने कांग्रेस नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। ऐसे में पार्टी नेतृत्व पर राजस्थान संकट को हल करने का दबाव बढ़ गया है। पार्टी ने अब सख्त फैसले लेने के भी संकेत दिए हैं।
कांग्रेस भी इस झगड़े को ज्यादा टालने के हक में नहीं है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने साफ कहा कि दोनों के बीच रिश्ते सुधारने के लिए सुलह की कोशिश की जाएगी, पर बात नहीं बनी तो कठोर निर्णय भी लिए जा सकते हैं। संगठन सर्वोपरि है। राजस्थान में पार्टी वही निर्णय लेगी, जिससे संगठन मजबूत हो।
इंदौर में भारत जोड़ो यात्रा कैम्प में मीडिया से बात करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि गहलोत और पायलट के झगड़े को लेकर पार्टी गंभीर है। दोनों नेताओं से मतभेदों को दरकिनार कर पार्टी हित में कदम उठाने की आग्रह किया जा रहा है। राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। इसलिए यात्रा पार्टी के लिए अहम हैं। जयराम ने दोहराया कि कांग्रेस को अशोक गहलोत और पायलट दोनों की जरूरत है।
दरअसल, गहलोत ने एक टीवी चैनल को दिए बयान में कहा था कि पायलट ने 2020 में कांग्रेस के खिलाफ बगावत की थी। विधायकों को तोड़कर सरकार बनाने की कोशिश की थी, इसलिए उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता। इस बीच, यात्रा से जुड़ी तैयारियों का जायजा लेने को संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल 29 नवंबर को जयपुर पहुंच रहे हैं। बैठक में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी मौजूद रहेंगे। पार्टी की कोशिश है कि कर्नाटक की तरह राजस्थान में भी कांग्रेस का कुनबा पूरी तरह एकजुट नजर आए।
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