नई दिल्ली। राजस्थान के उदयपुर में कांग्रेस का नव संकल्प चिंतन शिविर चल रहा है। इसमें पार्टी के उभार को लेकर तमाम पहलुओं पर चर्चा की जा रही है। क्या किसी भी कांग्रेसी नेता को राज्य सभा का दो टर्म दिया जाना चाहिए? यह वो सवाल है जिस पर पार्टी आलाकमान बहस कर रहा है। ‘वन फैमिली, वन टिकट’ के साथ ही राज्य सभा सदस्यों के कार्यकाल को लेकर भी चर्चा जारी है।
कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के एक सदस्य ने बताया, “आलाकमान के सामने यह प्रस्ताव रखा गया है कि कांग्रेस नेताओं को राज्य सभा का दो से अधिक टर्म नहीं मिलना चाहिए। इसके बाद वो लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए आगे आएंगे। लेकिन, उन्हें राज्य सभा में तीसरी बार जाने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए।”
जिला और ब्लॉक लेवल पर भी तय हो कार्यकाल
केवल राज्यसभा का ही नहीं, बैठक में प्रस्ताव इस बात का भी रखा गया है कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के ब्लॉक और जिला स्तर पर भी नेताओं का कार्यकाल तय किया जाए। यह तीन साल के लिए तय किया जाना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद नेताओं का अपना पद छोड़ना होगा और दूसरे लीडर को मौका मिलना चाहिए। ये नेता पार्टी के भीतर ही काम करेंगे या कोई अन्य जिम्मेदारी भी निभा सकते हैं।
कांग्रेस नेता अजय माकन ने भी ऐसे ही प्रस्ताव का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “पार्टी का कोई भी नेता जो किसी पद पर है, उसे एक निश्चित कार्यकाल मिलना चाहिए। इसके बाद उसे पद से हटाया जाए और दूसरे नेता को मौका मिले।” साथ ही लोकल बॉडी इलेक्शन के दौरान पार्टी के सभी लेवल के नेताओं को जमीन पर काम करने का सुझाव दिया गया है। इसके अलावा, AICC और स्टेट जनरल बॉडी की मीटिंग हर पांच साल में बुलाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है।
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