नई दिल्ली: कांग्रेस प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. 23 साल पुराने एक मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 5 हफ्ते की रोक लगा दी है. ये वारंट वाराणसी की MP/MLA कोर्ट की ओर से जारी किया गया था.
कोर्ट ने सुरजेवाला से कहा कि वह वारंट रद्द करवाने के लिए 4 हफ्ते के भीतर MP/MLA कोर्ट में आवेदन दाखिल करें. साल 2000 में वाराणसी में यूथ कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान हुए उपद्रव से ये मामला जुड़ा हुआ है. सुरजेवाला के पेश न होने के चलते कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था. इससे उनकी गिरफ्तारी का अंदेशा था.
एमपी/एमएलए कोर्ट ने क्या कहा था?
इससे पहले रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ चल रहे 23 साल पुराने केस की मंगलवार (07 नवंबर) को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश सुनाया था और 21 नवंबर को उन्हें कोर्ट में उपस्थित होने के लिए कहा था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था, “साल 2000 के इस पुराने मामले को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जल्द से जल्द निष्तारित करना है. जिसमें रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ तारीखों से गैर-जमानती वारंट जारी किया जा रहा है लेकिन वो कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे हैं.”
क्या है मामला?
साल 2000 के फेमस संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं ने गिरफ्तारी के विरोध में कमिश्नरी परिसर में तोड़फोड़ और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप तत्कालीन कांग्रेस युवा नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ-साथ अन्य कई कांग्रेस नेताओं पर लगा था. 23 साल पुराने इस मामले में रणदीप सिंह सुरजेवाला के खिलाफ अभी आरोप तय होना है.
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