नई दिल्ली: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala’s life prestige) से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 12 से 22 जनवरी तक 11 दिनों का कठिन अनुष्ठान किया था. इस दौरान उन्होंने सिर्फ नारियल पानी का ही सेवन (consume only coconut water) किया था. पीएम मोदी के इस अनुष्ठान को लेकर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली (veerappa moily) का विवादित बयान सामने आया है. वीरप्पा मोइली ने कहा है कि मुझे संदेह है कि क्या उन्होंने (पीएम मोदी) उपवास किया भी है या नहीं. यदि उन्होंने बिना व्रत किए गर्भगृह में प्रवेश किया है तो वह स्थान अपवित्र हो जाता है और उस स्थान से शक्ति उत्पन्न नहीं हो पाती.
मोइली ने कहा कि एक डॉक्टर के साथ मॉर्निंग वॉक के दौरान उन्होंने मुझे बताया था कि एक शख्स इतने दिनों तक बिना खाए-पीए जीवित नहीं रह सकता. अगर वह जीवित हैं तो यह चमत्कार है. प्रधानमंत्री मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 11 दिन के अनुष्ठान करने की जानकारी दी थी. पीएम ने अपने उपवास के दौरान जप और गाय की पूजा की.
वे फर्श पर सोए और नारियल पानी पीकर, फल खाकर रहे. मोदी ने रामायण से जुड़े 4 राज्यों के 7 मंदिरों में दर्शन-पूजन भी किए थे. पीएम ने अपने 11 दिवसीय अनुष्ठान के दौरान ‘स्वच्छ तीर्थ’ पहल की भी शुरुआत की थी और खुद इसका नेतृत्व किया था. 12 जनवरी को उन्होंने नासिक के श्री कालाराम मंदिर परिसर में खुद सफाई की. उनकी इस पहल ने देश भर में मंदिरों की साफ-सफाई के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत की.
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