इंदौर। कांग्रेस के पूर्व सांसद और विधायक प्रेमचंद गुड्डु (Former Congress MP and MLA Premchand Guddu) के घर में इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा है। उनके और इनकी बेटी रीना बौरासी सेतिया (Reena Bourasi Setia) के बीच राजनीतिक लड़ाई से तो सभी वाकीफ थे अब ये लड़ाई राजनीति के मैदान से निकल कर थाने कचहरी तक आ गई है हो सकता है आगे यह लड़ाई और तेज भी हो। फिलहाल दोनों के बीच का यह विवाद पुलिस थाने तक पहुंच गया है।
जानकारी के अनुसार इंदौर के तिलकनगर थाने (Tialk Nagar Police Station) पर दोनों पक्षों ने एक-दूसरे खिलाफ शिकायत की, और लिखित आवेदन दिया है। बेटी रीना ने परेशान करने के आरोप लगाए हैं, वहीं गुड्डु इस मामले को वैधानिक मुद्दा बताते हुए कॉलेज जमीन पर अपना हक बता रहे हैं।
जानिए क्या है मामला
गुड्डू की बेटी रीना सैतिया के पति आशीष सैतिया का कहना है कि, कॉलेज अब भी पुराने परिसर अजीत क्लब की जमीन पर चल रहा है। उन्होंने लीज निरस्त करने की सूचना दी है लेकिन इसका कोई पत्र नहीं आया है और इस पर हम कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं। कॉलेज में शनिवार को हमारे अकाउंटेंट कागज लेने गए थे, तब अजीत बौरासी व अन्य 10-15 लोग वहां पहुंच गए और चोरी के आरोप लगा कर विवाद किया। हमें फोन आया तो मैं और रीना वहां गए और समझाया कि अभी तो कॉलेज भवन हमारा ही है और हम वहां चोरी क्यों करेंगे कागज तो हमारे ही है। विवाद बढ़ने पर दोनों पक्ष थाने पहुंच गए और एक-दूसरे खिलाफ आवेदन लगा दिया। उधर यूनिवर्सिटी ने भी अजीत क्लब द्वारा जमीन की लीज निरस्ती का पत्र देने के बाद कॉलेज को नोटिस दे दिया है। वहीं सैतिया का कहना है कि हमारी लीज 30 साल की है जो साल 2009 में हुई थी, अब हमें परेशान किया जा रहा है।
जानिए आखिर कैसे शुरु हुई लड़ाई
अजित क्लब की तरफ से एक जाहिर सूचना जारी की गई, जिसमें रेडिएंट कॉलेज चेयरमैन रीना सैतिया और सीईओ आशीष सैतिया है, उसकी लीज निरस्ती की सूचना जारी की गई। साथ ही सावधान किया गया कि, इस कॉलेज में एडमिशन नहीं लें, इस पर हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी। इसके बाद से ही यह विवाद चल रहा है। रीना व आशीष परेशान करने का आरोप लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि लीज निरस्ती की यह वैधानिक प्रक्रिया नहीं की गई है। वहीं गुड्डू का कहना है कि, यह व्यवहारिक मामला है, हमने लीज निरस्त का पहले ही बता दिया था। कॉलेज का नाम पेपर लीक में भी आ चुका है, हमने लीज निरस्त कर दी है।
आखिर क्यों पनपा यह विवाद
साल 2020 से पहले प्रेमचंद गुड्डु बीजेपी से कांग्रेस में वापस आ गए लेकिन अब बीजेपी में गए तुलसी सिलावट से उपचुनाव में हार गए। इसके बाद उन्होंने सांवेर में रीना सैतिया को सक्रिय किया, खुद रीना की भी वहां से चुनाव की मंशा थी तो वह भी जुट गईं। उधर बेटा अजीत बौरासी भी साल 2018 के चुनाव में बीजेपी से एससी सीट उज्जैन की घटिया से चुनाव लड़ा लेकिन हार गया। अब बौरासी की भी मंशा है वह सांवेर से चुनाव लडे। गुड्डु पार्टी से अब अपने लिए या बेटे के लिए इंदौर के सांवेर, रतलाम की आलोट या उज्जैन की घटिया यहां से टिकट चाहते हैं, यह तीनों ही एससी सीट है।
कांग्रेस एक ही परिवार में दो टिकट देने के लिए तैयार नहीं है। इसके बाद रीना को शांत बैठने के लिए कहा गया लेकिन इसी राजनीतिक मंशाओं के चलते परिवार में विवाद शुरू हो गया। यहीं से प्रेमचंद गुड्डु और उनके बेटे अजीत बौरासी के साथ रीना व उनके पति आशीष सैतिया के साथ राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई ने कानूनी, आर्थिक लड़ाई का रूप ले लिया जो अब थाने तक पहुंच गई है।
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