मुंबई। देश के अधिकांश राज्यों में लंपी वायरस (lumpy virus) का कहर जारी है. इस वायरस के चपेट में लाखों की संख्या में बेजुबान जानवर (millions of wild animals) आ चुके हैं. वहीं इस बीच महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष (Maharashtra Congress state president) नाना पटोले (Nana Patole) ने लंपी वायरस के लिए केंद्र सरकार (Central government) द्वारा लाए गए चीतों (cheetahs) को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यह लंपी वायरस नाइजीरिया में लंबे समय से प्रचलित है और चीतों को भी वहीं से लाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर किसानों के नुकसान के लिए ऐसा किया है।
हालांकि यहां गौर करने वाली बात यह है कि पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर लाए गए चीते नामीबिया से थे, ना कि नाइजीरिया से। नाना पटोले ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री ने काले कानूनों (कृषि कानूनों) के दौरान किसानों से कभी बात नहीं की और नामीबिया से चीतों को लाकर वे बदला ले रहे हैं. चीतों के आने के बाद भारत में लंपी वायरस आया।’
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने 55 वर्षों में ऐसी बीमारी नहीं देखी है और अपने पूर्वजों को नहीं देखा है. इसे जानबूझकर लाया गया है ताकि इन किसानों को नुकसान हो, कोई भारत में लाए गए चीतों पर स्पॉट कर सकता है और गायों पर गांठ का स्थान समान है. यह बीमारी नामीबिया में पहले से मौजूद थी और अब यह भारत में फैल रही है।’
वहीं भाजपा नेता और कैबिनेट मंत्री ने नाना पटोले पर पलटवार करते हुए कहा कि डॉक्टर पटोले का यह बयान हास्यास्पद है, उन्होंने अपने बयान से इस बीमारी को गैर-गंभीर मुद्दा बना दिया है. उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में, गायों के टीकाकरण की व्यवस्था की गई है”.
लम्पी स्किन डिजीज ने भारत में डेयरी किसानों को बुरी तरह प्रभावित किया है. यह वायरस सिर्फ गाय और भैंस में ही पाया गया है. मांस खाने या ऐसे जानवरों के दूध का उपयोग करने से मनुष्यों को कोई खतरा नहीं है, जिनमें गांठ के लक्षण नहीं होते हैं. जानवरों को गांठ से ठीक किया जा सकता है, हालांकि, ऐसे जानवरों का दूध वायरस के कारण प्रभावित हो सकता है।
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