डेस्क। कांग्रेस (Congress) पार्टी ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार (Modi Goverment) की तरफ से ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) के शुरुआत के समय बताए गए सभी उद्देश्य ‘जुमले’ साबित हुए हैं और ‘मेक इन इंडिया’ अब ‘फेक इन इंडिया’ (Fake in India) बनकर रह गया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने यह भी कहा कि पिछले दशक में आर्थिक नीति निर्माण स्थिर, पूर्वानुमानित और समझदारी से कोसों दूर रहा है।अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा- जब नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने 2014 में अपने हर इवेंट की तरह बड़े धूम-धाम के साथ ‘मेक इन इंडिया’ की घोषणा की थी, तब चार उद्देश्य निर्धारित किए गए थे। 10 साल बाद उनकी वास्तविक स्थिति क्या है, इसे लेकर एक पड़ताल: इसके साथ ही जयराम रमेश ने कुछ आंकड़े भी जारी किए हैं।
उन्होंने अपने आंकड़ों में केंद्र सरकार के दावों को जुमला करार देते हुए उनकी हकीकत भी लिखी है, जो इस प्रकार से हैं…
आखिरी में कांग्रेस नेता ने लिखा- पिछले दशक में हमारे देश का आर्थिक नीति निर्माण स्थिर, पूर्वानुमान एवं समझदारी से भरा (उदाहरण के लिए, नोटबंदी को याद कीजिए) नहीं रहा है। डर और अनिश्चितता के माहौल के कारण निजी निवेश में वृद्धि बाधित हुई है। कंपटीशन को दबा दिया गया है क्योंकि मोदी जी के करीबी एक या दो बड़े बिजनेस ग्रुप्स को समर्थन प्राप्त है और उन्हें ही समृद्ध किया गया है। मेक इन इंडिया सीधे तौर पर फेक इन इंडिया बन गया है।
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