विदिशा. मध्य प्रदेश (MP) के नेता प्रतिपक्ष (opposition leader) उमंग सिंघार (Umang Singhar) अपने एक ट्वीट को लेकर फंस गए हैं. उन्होंने पूर्व सीएम (Former CM) और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Minister Shivraj Singh Chauhan) को टैग (tagging) करते हुए एक वीडियो (video) सोशल मीडिया पर वायरल किया. उनका कहना था कि केंद्रीय मंत्री शिवराज के घर यानी विदिशा में ही किसानों की हालत खराब है. यहां के अधिकारी किसानों का सम्मान नहीं करते. वे खुद कुर्सी पर बैठते हैं और किसानों को जमीन पर बैठाते हैं. इसके बाद इस वीडियो की जांच की गई तो सच सामने आ गया. इसमें पता चला कि सिंघार ने शहर और अधिकारी के नाम गलत बताए थे. उनका ये वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ट्वीट किया, ‘कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान देख रहे हैं आप अपने विदिशा के किसानों की व्यथा. अब तो आप केंद्र में कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री हैं. कम से कम किसानों के सम्मान के लिए इतना तो कीजिए कि वे अफसर के सामने कुर्सी पर तो बैठ सकें. अपनी मांगों को लेकर बात करने आए किसानों को विदिशा में एसडीएम ने जमीन पर बैठा दिया. एसडीएम को किसानों का नहीं तो आपका सम्मान तो करना था कि इन्हीं किसानों के वोट से आप सांसद बनकर मंत्री बने हैं. आपकी पूरी पार्टी ने किसानों का अपमान करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है.’
कृषि मंत्री @ChauhanShivraj जी देख रहे हैं आप अपने विदिशा के किसानों की व्यथा !!!
अब तो आप केंद्र में कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री हैं। कम से कम किसानों के सम्मान के लिए इतना तो कीजिए कि वे अफसर के सामने कुर्सी पर तो बैठ सकें!
अपनी मांगों को लेकर बात करने आए किसानों को विदिशा… pic.twitter.com/PGye7SaAJB
— Umang Singhar (@UmangSinghar) June 26, 2024
सामने आया ये सच
उमंग सिंघार के ट्वीट के बाद News18 ने चार जिलों में पड़ताल की. इस जांच में पता चला कि उमंग सिंघार के वीडियो में तथ्य गलत हैं. जिसे उन्होंने विदिशा एसडीएम बताया वो एसएडीओ वीरेंद्र मालवीय है. उनके सामने किसान फर्श पर बैठे हुए हैं. दूसरा, यह कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की विदिशा लोकसभा का मामला नहीं है, बल्कि सागर लोकसभा की सिरोंज विधानसभा का मामला था.
शिकायतें करने आए थे किसान
बता दें, सिरोंज है तो विदिशा जिले में, लेकिन लोकसभा सीट सागर लगती है. हालांकि, इस वीडियो में यह सही बात है कि अधिकारी कुर्सी पर बैठे रहे और किसान फर्श पर बैठे. ये किसान खेती-किसानी से जुड़ी कुछ शिकायतें लेकर अधिकारी के पास आए थे. अधिकारी ने उनकी शिकायतें सुनने के बाद उन्हें दूर करने का आश्वासन दिया.
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