नई दिल्ली । पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) से मुलाकात के बाद सियासी गलियारे में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि पार्टी में शीर्ष नेतृत्व में बदलाव को लेकर मुखर आनंद शर्मा कोई बड़ा राजनीतिक कदम उठा सकते हैं। जेपी नड्डा और आनंद शर्मा दोनों ही हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) से आते हैं जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
हालांकि उन्होंने गुरुवार को जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद लगाए जा रहे कयासों पर विराम लगाते हुए कहा कि वे कांग्रेस से ताल्लुक रखते हैं और उनका कहीं जाने का इरादा नहीं है। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा जी 23 का हिस्सा हैं। वे उन 23 नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने कांग्रेस में बड़े बदलाव के लिए पत्र लिखा था। अब गुरुवार को जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने अपनी बात रखते हुए कहा कि उन्हें नड्डा से मिलने का पूरा अधिकार है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, “अगर मुझे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलना है, तो मुझे उनसे मिलने का पूरा अधिकार है, मेरे लिए वह भाजपा अध्यक्ष नहीं हैं। हम दोनों एक ही राज्य से आते हैं और एक ही स्कूल से पढ़े हैं। इसका कोई राजनीतिक महत्व नहीं होना चाहिए।” शर्मा ने कहा, “अगर मुझे उनसे मिलना है तो खुल कर जाऊंगा, इसमें कौन सी बड़ी बात है? मैं कांग्रेस से ताल्लुक रखता हूं। वैचारिक विरोधी होने का मतलब यह नहीं है कि हमारे बीच कोई व्यक्तिगत बंटवारा है। हम वैचारिक विरोधियों को अपना सामाजिक दुश्मन नहीं बनाते।” आनंद शर्मा कई बार पार्टी नेतृत्व के सामने अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। वे कांग्रेस नेतृत्व से नाखुश होकर बनाए गए जी-23 ग्रुप के सदस्य हैं।
शर्मा ने कहा, “जहां तक मिलने की बात है तो जेपी नड्डा और मैं तो एक ही प्रांत (हिमाचल प्रदेश) के हैं और एक ही विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं और हमारे सामाजिक और पारिवारिक संबंध भी है। तो जब मुझे मिलना होगा तो मैं खुलकर मिल लूंगा। अगर हमारे राजनीतिक दल अलग हैं और उनकी विचारधारा तथा मेरी विचारधारा अलग है तो इसका ये मतलब नहीं कि हम सामाजिक रूप में बंटे हुए हैं। तो इस पर अफवाह फैलाना उचित नहीं है। हमारे बच्चे तो मिलते रहते हैं।”
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