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दक्षिण में कांग्रेस अपना दायरा बढ़ाने की कोशिश में लेकिन INDIA बना रोड़ा, जानें प्‍लान

July 19, 2024

नई दिल्‍ली(New Delhi) । कांग्रेस के मिशन दक्षिण(Congressional Mission South) से INDIA नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA गठबंधन) की अपना दायरा बढ़ाने (expand the scope)की कोशिश सफल(Attempt successful) नहीं हो रही है। राज्यसभा में गैर राजग दलों ने INDIA गठबंधन को लेकर अपने रुख में कोई नरमी नहीं दिखाई है। ऐसे में राज्यसभा में भाजपा की सीटों की संख्या में कमी के बावजूद INDIA गठबंधन संख्या बल के आधार पर सदन में सरकार को नहीं घेर पाएगा।

कई सांसदों के लोकसभा के लिए चुने जाने और नामांकित सांसदों के रिटायर होने की वजह से राज्यसभा में भाजपा की संख्या घटकर 86 रह गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की कुल संख्या 101 है। वहीं, कांग्रेस के 26, तृणमूल कांग्रेस के 13, डीएमके और आप पार्टी के दस-दस सांसदो के साथ INDIA गठबंधन के पास 87 सांसद है। ऐसे में गैर राजग दलों की भूमिका अहम हो जाती है।


INDIA गठबंधन की नजर बीजू जनता दल (बीजेडी), वाईएसआर कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 25 सांसदों पर है। यह तीनों दल राज्यसभा में सरकार के खिलाफ खड़े होते हैं, तो सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, लेकिन तेलंगाना में कांग्रेस सरकार में है और बीआरएस मुख्य विपक्षी दल है। ऐसे में बीआरएस किसी भी कीमत पर कांग्रेस के साथ खड़ी नजर नहीं आना चाहती।

आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जगन रेड्डी के खिलाफ भी कांग्रेस काफी आक्रामक है। कांग्रेस ने शर्मिला रेड्डी को प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी है। शर्मिला, जगन की बहन हैं। ऐसे में रेड्डी परिवार और दोनो पार्टियों के बीच रिश्ते बेहतर नहीं हैं। यही वजह है कि बीआरएस व वाईएसआर कांग्रेस दोनों कांग्रेस के साथ खड़ा नही होना चाहते।

बीजेडी ने बदली है भूमिका

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, राज्यसभा में बीजेडी ने अपनी भूमिका बदली है, पर बीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस की रणनीति में कोई बदलाव नहीं आया हैं। 18वी लोकसभा के पहले सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब पर ‘INDIA’ के साथ बीजेडी ने भी वॉक आउट किया था, पर बीआरएस सत्तापक्ष के साथ खड़ी नजर आई थी।

रणनीतिकार मानते हैं कि तेलंगाना और आंध्र में कांग्रेस की आक्रामकता की वजह से बीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस ‘INDIA’ में शामिल नहीं होंगी। तेलंगाना में बीआरएस के कई विधायक और राज्यसभा सांसद कांग्रेस का हाथ थाम चुके हैं। आंध्र प्रदेश में भी कांग्रेस अपनी जगह बनाने की पूरी कोशिश कर रही है। ऐसे में वाईएसआर भी दूरी बनाए हुए है।

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