भोपाल। कांग्रेस आदिवासी स्वाभिमान यात्रा के नाम पर केवल ढोंग कर रही है। यह यात्रा आदिवासी भाई-बहनों को भ्रमित करने, उनके साथ छल करने के लिए निकाली जा रही है। आदिवासी भाई-बहनों को कांग्रेस के इस छलावे में नहीं आना है। हमें अब कांग्रेस के साथ वही करना चाहिए, जो कांग्रेस हमारे जनजातीय भाई-बहनों के साथ 60 सालों तक करती रही है। कांग्रेस हमारे साथ दोगलापन करती रही है। भोले-भाले आदिवासी भाईयों को छलने के लिए निकाली जा रही इस यात्रा का हमें कांग्रेस के नेताओं को जवाब देना है, क्योंकि यह यात्रा एक छलावा, ढोंग और नौटंकी यात्रा है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी ने मीडिया से चर्चा के दौरान कही।
डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी ने कहा कि मैं कांग्रेस के नेताओं से यह पूछना चाहता हूं कि देश में आपने 60 सालों तक शासन किया तब आपको जनजातियों गौरव की याद नहीं आई। मध्यप्रदेश में 1993 से लेकर 2003 तक मिस्टर बंटाधार की सरकार थी, तब कांग्रेस को स्वाभिमान यात्रा की याद क्यों नहीं आई? भारतीय जनता पार्टी जनजातीय भाइयों के सम्मान के लिए, स्वाभिमान के लिए, उनके गौरव के लिए खड़ी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार आदिवासी भाई-बहनों का जीवन बदलने का काम कर रही है। कांग्रेस के लोग यह बताएं कि उन्होंने 60 सालों तक आदिवासी भाईयों को पक्के मकान बनाकर क्यों नहीं दिए? जनजातीय क्षेत्रों में पक्की सड़कें बनाकर क्यों नहीं दी? जनजातीय महापुरुषों के सम्मान में आपने जनजातीय गौरव दिवस क्यों घोषित नहीं किया? क्यों उन महापुरुषों के स्मारक नहीं बनवाए?
कांग्रेस का डीएनए जनजातीय विरोधी
डॉ. सोलंकी ने कहा कि कांग्रेस का डीएनए जन विरोधी होने के साथ-साथ जनजातीय विरोधी भी है। कांग्रेस ने अपने दोहरे चरित्र और दोगलेपन के कारण ही आजादी के 75 सालों तक जनजातियों को उनके अधिकार नहीं दिए और उनके महापुरुषों को स्थापित नहीं होने दिया। एक तरफ इनके नेता वोटबैंक की राजनीति के लिए जनजातियों का सहारा लेते हैं और दूसरी तरफ जनजातीय वीरों के प्रति वैमनस्य फैलाते हैं। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस ने देशभर में 600 से अधिक सरकारी योजनाओं, यूनिवर्सिटियों, सड़कों, पुरस्कारों, एयरपोर्ट आदि के नाम अपने प्रथम और परम पूज्य परिवार के नाम पर रखती है, उसे एक रेलवे स्टेशन का नाम जनजातीय वीरांगना रानी कमलापति के नाम पर रखे जाने से क्या परेशानी हो गई? जब इनके नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह महान गोंड रानी कमलापति के लिए अभद्र शब्दावली का प्रयोग करते हैं, उनकी अवमानना करते हैं, तब इनका आदिवासी प्रेम क्यों नहीं जागता? तब इनका आदिवासी प्रेम क्यों नहीं जागता जब इनके नेता जनजातीय समाज की गौरव राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु जी के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करते हैं। यही नहीं, बल्कि आदिवासियों के नाम पर राजनीति करने वाली छत्तीसगढ़ की सरकार फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाने वालों को संरक्षण दे रही है और इसके विरोध में प्रदर्शन करने वाले आदिवासी युवाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। ये कांग्रेस का दोगलापन नहीं तो और क्या है?
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