कोलकाता। पश्चिम बंगाल में 30 सितंबर को उपचुनाव तय किए गए हैं। इनमें ममता बनर्जी के अपनी परंपरागत सीट भवानीपुर से लड़ने की बात लगभग तय मानी जा रही है। इस बीच जहां कांग्रेस ममता के खिलाफ उम्मीदवार न उतारने पर विचार कर रही है, वहीं भाजपा नेतृत्व छह-छह कद्दावर नेताओं के नाम पर चर्चा कर रहा है। बताया जा रहा है कि ममता को भवानीपुर में झटका देने के लिए भाजपा एड़ी चोटी का जोर लगा सकती है।
ममता के खिलाफ किन नेताओं के नाम पर चल रहा विचार?
रिपोर्ट्स की मानें तो भाजपा ममता बनर्जी के खिलाफ भवानीपुर से जिन छह नामों पर विचार कर रही है, उनमें टीएमसी से पूर्व राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी का नाम सबसे ऊपर है। इसके बाद रुद्रनील घोष (जिन्हें इसी सीट पर तृणमूल के सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने हराया था), मेघालय और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल और बंगाल में पार्टी के वरिष्ठ नेता तथागत रॉय, बोलपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार रहे अनिर्बान गांगुली (जिन्हें टीएमसी के चंद्रनाथ सिन्हा के हाथों हार मिली थी), स्वपन दासगुप्ता (तारकेश्वर से टीएमसी के रामेन्दु सिन्हा रे के खिलाफ हारे) और भाजपा के उपाध्यक्ष प्रताप बनर्जी के नामों पर भी चर्चा जारी है।
ज्यादातर भाजपा नेताओं का मानना है कि ममता बनर्जी के सामने इस बार दिनेश त्रिवेदी सबसे बेहतर उम्मीदवार हो सकते हैं। दरअसल, इसके पीछे भाजपा का गणित यह है कि सीट पर जो 2 लाख से ज्यादा वोटर हैं, उनमें 50 हजार भाजपा के समर्थन वाले हैं। इनमें बंगालियों के साथ गुजराती, सिख, बिहारी, मारवाड़ी और दूसरे समुदाय के लोग भी शामिल हैं।
इसके अलावा तथागत रॉय और रुद्रनील घोष भी ममता के खिलाफ चुनाव में खड़े हो सकते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में तथागत रॉय भाजपा की ओर से कोलकाता दक्षिण से उम्मीदवार थे और वे इसमें टीएमसी के सुब्रत बख्शी से सीधी टक्कर के बाद हारे थे। हालांकि, उस चुनाव में उन्हें भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में उन्हें अच्छी बढ़त मिली थी।
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