नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Chief Minister Omar Abdullah) ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि कांग्रेस उनकी सरकार का हिस्सा नहीं है. इस साल के मध्य में हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Jammu and Kashmir Assembly Elections) में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को पूर्ण बहुमत मिला और उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार बनी. उमर अब्दुल्ला शुक्रवार को कैबिनेट बैठक के मीडियाकर्मियों से मुखातिब थे.
पूर्ण राज्य के दर्जे और अनुच्छेद-370 की वापसी को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनावी वादे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘पहले दिन से हम जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं. कुछ चीजें हैं (अनुच्छेद-370 के संदर्भ में) जो लोग चाहते हैं, लेकिन हम इसे पूरा नहीं कर सकते. क्योंकि जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है.’
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में गत दिनों नेशनल कॉन्फ्रेंस एक प्रस्ताव ले आई थी, जिसमें ‘विशेष दर्जा (अनुच्छेद-370) और संवैधानिक गारंटी की बहाली’ के लिए बातचीत की मांग की गई थी. इस पर कांग्रेस के स्टैंड के बारे में पूछे जाने पर सीएम अब्दुल्ला ने कहा, ‘हमारी सरकार जम्मू-कश्मीर असेंबली में यह प्रस्ताव लेकर आई है और बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस समेत ज्यादातर दलों के विधायकों ने इसका समर्थन किया. महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रस्ताव पारित हो गया.
एक दरवाजा खुल गया है. कांग्रेस हमारी सरकार का हिस्सा नहीं है, वह हमें बाहर से समर्थन दे रही है. महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. तब कांग्रेस बेबस हो गई और उसे अपने स्टैंड से पीछे हटना पड़ा. लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने मेरी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि असेंबली में लाए गए हमारे प्रस्ताव में कुछ भी नहीं था. उन्होंने पूछा, ‘अगर प्रस्ताव में कुछ भी नहीं था, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह इस बारे में बार-बार बात क्यों करते हैं. कुछ तो होगा प्रस्ताव में, जो दोनों बार-बार इस मुद्दे को उठाते हैं.’
राजनीतिक कैदियों की रिहाई के बारे में पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में लॉ एंड ऑर्डर और सिक्योरिटी केंद्र के अधिकार क्षेत्र में है. इस स्थिति के बावजूद हम वेरिफिकेशन प्रक्रिया को आसान बनाने में सफल रहे हैं. मैंने विधानसभा में अपने भाषण में कहा था कि वेरिफिकेशन को हथियार बनाया गया है. इसे आसान बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं और इस संबंध में और प्रगति की उम्मीद है.’
उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद हमारी सरकार राजनीतिक कैदियों के मामलों की पैरवी करेगी और उनकी रिहाई सुनिश्चित करेगी.’ आज की कैबिनेट बैठक के बारे में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘तीन सदस्यों वाली कैबिनेट उप-समिति के गठन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जो सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों की पृष्ठभूमि में समग्र दृष्टिकोण अपनाएगी.
समिति कैबिनेट को एक रिपोर्ट सौंपेगी और हम देखेंगे कि आरक्षण नीति को तर्कसंगत बनाने के लिए हम किस हद तक जा सकते हैं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या सर्दियों में बिजली कटौती में सुधार होगा, CM उमर ने कहा- मैंने बिजली विभाग को उन क्षेत्रों में कम कटौती सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है जहां चोरी कम होती है. मुझे इस सर्दियों में कश्मीर में बिजली की स्थिति में सुधार देखने की उम्मीद है.
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