इंदौर। कांग्रेस संगठन अब पुराने सदस्यों से 100-100 रुपए लेने के फरमान के बाद घिरता नजर आ रहा है। कांग्रेस की सदस्यता का शुल्क ही मात्र 5 रुपए है तो 100 रुपए लेने का क्या तुक? कांग्रेस के प्रदेश संगठन की ओर से सभी जिलाध्यक्षों से कहा गया है कि वे अपने जिले में दर्ज कार्यकर्ताओं की संख्या के हिसाब से 100 रुपए एकत्रित करें। कांग्रेस संगठन इसे सहयोग राशि के रूप में लेने की बात को स्वीकार कर रहा है, वहीं कई नेता इसे सदस्यता की राशि से जोडक़र भी देख रहे हैं। शुल्क कब तक इकट्ठा करना है, इस बारे में प्रदेश संगठन से कोई स्पष्ट निर्देश भी नहीं हैं।
अब जिलाध्यक्ष अपने-अपने जिलों की सूची खंगालने में लगे हैं और जल्द ही 100-100 रुपए प्रति सदस्य शुल्क इकट्ठा करने की तैयारी की जा रही है। वहीं भाजपा ने इसे आड़े हाथों लेते हुए प्रश्न चिह्न लगाया है। उनका कहना है कि 5 रुपए में कांग्रेस की सदस्यता ली जा सकती है, लेकिन कांग्रेस के नेता अपने आराम और घूमने-फिरने के नाम पर पैसा इक_ा करने में लगे हैं। पार्टी फंड के नाम पर पैसा इक_ा किया जा रहा है, जबकि अभी पिछले ही चुनावों में भी ऐसा ही किया गया था, जिसमें प्रत्येक नेता को टारगेट दिया गया था। भाजपा ने इसे अवैध वसूली करार दिया है।
कांग्रेस पार्टी अपने ही कार्यकर्ताओं को साधन बना रही है और 100 रुपए सहयोग राशि के रूप में लिए जा रहे हैं। पार्टी के पास आय के कोई अन्य संसाधन नहीं हैं, इसलिए हम प्रत्येक जिले से यह राशि इक_ा कर रहे हैं। -मुकेश नायक, मीडिया विभाग, कांग्रेस
कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं से 100 रुपए के नाम पर पीसीसी की साज-सज्जा और नेताओं की हवाई यात्रा का बोझ डाल रही है। यह एक तरह से अवैध वसूली ही है। -नरेंद्र सलूजा, प्रवक्ता, भाजपा
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