भोपाल। अपनों की बगावत के बाद सत्ता गंवाने वाली कांग्रेस इस बार बीहड़ के रास्ते सरकार बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी की कोशिश है कि ग्वालियर-चंबल अंचल में आने वाली सभी 34 सीटों को जीता जाए। इसके लिए पार्टी ने अपना पूरा फोकस इस क्षेत्र पर लगा दिया है। दरअसल, कांग्रेस के आतंरिक और सरकार की खुफिया एजेंसियों के सर्वे से मिले फीडबैक से प्रदेश कांग्रेस के मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ उत्साहित हैं। कांग्रेस को फिर ग्वालियर-चंबल के रास्ते से प्रदेश में सत्तारूढ़ होने की उम्मीद बंधी है। यही कारण है कि नाथ ने दिग्विजय सिंह को किनारे कर ग्वालियर-चंबल अंचल में कमान संभाल ली है। दोनों अंचलों से जुड़े निर्णय स्वयं ले रहे हैं और स्थानीय नेताओं से सीधे संवाद भी कर रहे हैं। वे ग्वालियर अंचल में सप्ताहभर में दो यात्राएं कर चुके हैं।
सिंधिया से हिसाब चुकाना है
कमल नाथ की ग्वालियर-चंबल अंचल सक्रियता का दूसरा बड़ा कारण केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से उनकी सरकार गिराने का हिसाब चुकाना बताया जाता है। कमल नाथ के राजनीतिक करियर में बहुमत मिलने के बाद प्रदेश में सरकार नहीं चला पाने का बड़ा दाग लगा है। उनकी सक्रियता का दूसरा कारण पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ भी है, जहां भूपेंद्र सिंह बघेल अपना कार्यकाल पूरा करने के साथ दूसरी बार सरकार बनाने का दावा भी कर रहे हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved