जयपुर । कांग्रेस आलाकमान (Congress Highcommand) राजस्थान में (In Rajasthan) गहलोत-पायलट विवाद (Gehlot-Pilot Dispute) सुलझाने के लिए (To Resolve) तीन फॉर्मूलों पर (On Three Formulas) काम कर रहा है (Is Working) ।
पहले फॉर्मूले के तहत इस बात पर चर्चा हो रही है कि पायलट को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव और सीडब्ल्यूसी सदस्य बनाया जाए और उन्हें राजस्थान विधानसभा चुनाव अभियान समिति का प्रभार भी दिया जाए। दूसरा फॉर्मूला पायलट को राज्य पार्टी प्रमुख के रूप में वापस लाने पर है। ऐसे में गहलोत खेमा परेशान हो सकता है, क्योंकि वह चाहता है कि पार्टी प्रमुख उनके गुट का ही कोई व्यक्ति बने।
गहलोत गुट का कहना है कि चुनावी साल में मौजूदा पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोतासरा को हटाने से जाट वोट बैंक में सेंध लग सकती है। हालांकि, पार्टी आलाकमान इस बात पर चर्चा कर रहा है कि क्या डोतासरा को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
तीसरे फॉर्मूले के मुताबिक, पायलट और गहलोत को आमने-सामने बैठाकर मतभेदों को दूर किया जाए। इस बात पर भी विचार किया जाए कि क्या पायलट को अगले चुनाव के लिए सीएम चेहरा बनाया जा सकता है? पार्टी नेताओं ने कहा कि पार्टी चाहती है कि गहलोत और पायलट एक साथ आएं और अगला चुनाव एकजुट होकर लड़ें।
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