नई दिल्ली । नेशनल हेराल्ड मामले मे (In National Herald case) सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट को लेकर (Over charge sheet against Sonia Gandhi and Rahul Gandhi) कांग्रेस ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया (Congress held nationwide Protest) । दिल्ली से लेकर मुंबई, कोलकाता, लखनऊ और चेन्नई तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया।
केंद्र के खिलाफ कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, “तथ्यों पर गौर करें तो इसमें कोई दम नहीं है। यह राजनीति से प्रेरित मामला है, इसे लंबे समय से खींचा जा रहा है। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है… राहुल गांधी, सोनिया गांधी को जानबूझकर निशाना बनाया गया है। यह दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया गया है…हमने हाल ही में गुजरात में एक सम्मेलन आयोजित किया, हम पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए अपना पूरा प्रयास कर रहे हैं, उन्हें यह पसंद नहीं है, इसलिए केंद्र सरकार ने जानबूझकर यह कदम उठाया है।
केंद्र के खिलाफ कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर पार्टी सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, “जिस एजेंसी के माध्यम से लड़ाई को कोर्ट तक ले जाया गया है, उसकी मंशा सिर्फ विपक्ष को परेशान करने की है। गुजरात में एक सत्र होता है, राहुल गांधी मोडासा पहुंचते हैं और यहां चार्जशीट दाखिल होती है। आप घटनाक्रम समझिए। आगामी बिहार चुनाव, गुजरात में कांग्रेस की सक्रियता, आगामी असम चुनाव में उसकी संभावित हार और विपक्ष की सतर्कता के मद्देनजर भाजपा विपक्ष को पूरी तरह से कुचलना चाहती है… लेकिन भाजपा भूल जाती है कि यह गांधी परिवार है जिसने देश के लिए अनगिनत बलिदान दिए हैं… कांग्रेस पूरे देश में विरोध प्रदर्शन कर रही है।”
नेशनल हेराल्ड मामले में गांधी परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने इस मामले में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। उल्लेखनीय है कि नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की स्थापना 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इस समाचार पत्र को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया जाता था। वर्ष 2008 में वित्तीय संकट के बाद इसे बंद करना पड़ा, जहां से इस विवाद की शुरुआत हुई। साल 2010 में यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) नाम की कंपनी बनी, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की 38-38 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने साल 2012 में आरोप लगाया कि यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने एजेएल की 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियों को मात्र 50 लाख रुपए में हासिल किया और उन्होंने धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया। मामला अदालत में भी गया और बाद में ईडी ने इसकी जांच शुरू की।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved