नई दिल्ली । केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी (Union Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi) ने कहा कि आपातकाल से लेकर अभी तक (Since Emergency till Now) लोकतंत्र का गला कांग्रेस ने घोंटा है (Congress has Strangled Democracy) । आज ये हमें लोकतंत्र का पाठ पढ़ा रहे हैं। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी दलों द्वारा सदन के अंदर और बाहर किए गए व्यवहार की निंदा करते हुए प्रल्हाद जोशी ने कहा कि 4 दिसंबर को जब संसद का सत्र शुरू हुआ था तब इन लोगों के पास वेल में आने का कोई बहाना नहीं था, लेकिन संसद की सुरक्षा में चूक की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से उन्हें बहाना मिल गया और हार का बदला लेने के लिए उन्होंने सदन में ऐसा किया।
पत्रकारों से बात करते हुए जोशी ने कहा कि जिस दिन सुरक्षा चूक की घटना हुई, उसके बाद भी 2 से लगभग 2:40 तक सदन चला, चर्चा शुरू हुई, कांग्रेस भी चर्चा में शामिल हुई, लेकिन अचानक से कहां से क्या निर्देश आया पता नहीं, तुरंत इन लोगों (विपक्षी दलों ने) विरोध करना शुरू कर दिया। उसी दिन दोपहर में घटना घटने के बाद लोकसभा स्पीकर ने सभी दलों के फ्लोर लीडर्स की बैठक बुलाई, उसमें भी चर्चा हुई। स्पीकर ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए और उनके आदेश पर सरकार ने भी तेजी से काम किया। अतीत में हुई इस तरह की कई घटनाओं और हाल ही में कर्नाटक विधानसभा मे हुई घटना का जिक्र करते हुए जोशी ने कांग्रेस के रवैये पर सवाल उठाया।
जोशी ने कहा कि नियमों को तोड़ते हुए ये सदन के अंदर वीडियोग्राफी करते हैं और सदन के बाहर संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति की मिमिक्री करते हुए वीडियोग्राफी करते हैं। इससे ज़्यादा ‘लो लेवल’ कुछ और हो ही नहीं सकता है। राहुल गांधी पर राजनीतिक हमला जारी रखते हुए जोशी ने आगे कहा कि सबसे अधिक चिंता की बात तो यह है कि राहुल गांधी संसद की सुरक्षा में घुसपैठ करने वालों का समर्थन करते हैं। राहुल गांधी कहते हैं कि इन लोगों ने बेरोजगारी की वजह से ऐसा किया, उन्हें समझ ही नहीं आता कि वे क्या बोल रहे हैं। ऐसे ही इन्होंने पहले ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ का भी समर्थन किया था।
सांसदों के निलंबन के मसले पर विपक्षी दलों के आरोपों पर पलटवार करते हुए जोशी ने कहा कि वे निलंबित नहीं करना चाहते थे, वे तो लगातार अनुरोध कर रहे थे, लेकिन बाद में तो हालत यह हो गई थी कि सांसद खुद हमसे मिलकर उन्हें निलंबित करने का अनुरोध करने लगे थे। जंतर-मंतर पर विरोधी दलों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन और लोकतंत्र का गला घोंटने के उनके आरोपों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि लोकतंत्र का गला कौन घोंट रहा है, इतिहास देखें तो देश में आपातकाल से लेकर अभी तक लोकतंत्र का गला कांग्रेस ने घोंटा है और आज ये हमें लोकतंत्र का पाठ पढ़ा रहे हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री के व्यवहार को शेमलेस बताते हुए जोशी ने कहा कि जहां रेगुलर फ्लाइट जाती है वहां भी लग्जरी फ्लाइट में जाना ठीक नहीं है।
शीतकालीन के दौरान संसद में हुए कामकाज के बारे में बताते हुए जोशी ने बताया कि 21 दिसंबर को शीतकालीन सत्र संपन्न हुआ। प्रैक्टिकल तौर पर यह वर्तमान लोकसभा का आखिरी सत्र है। वर्तमान संसद के पिछले पांच सालों के दौरान जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से लेकर नए आपराधिक एवं न्याय कानूनों तक कई ऐतिहासिक बिल पारित किए गए हैं। 4 से 21 दिसंबर तक चले शीतकालीन सत्र के दौरान 18 दिनों में 14 बैठकें हुई और दोनों सदनों में कुल मिलाकर 19 बिल पारित किए गए।
विपक्षी दलों के आरोपों को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि संसद के संरक्षक लोकसभा के स्पीकर होते हैं, वह बार-बार कह रहे हैं कि सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी है तो वे (विपक्षी दल) उनकी बातों पर भरोसा क्यों नहीं कर रहे हैं? मेघवाल ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव में मिली हार का बदला लेने के लिए इन लोगों ने जान-बूझकर संसद में हंगामा किया।
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