भोपाल। 2020 में सत्ता से बाहर होने के बाद से ही कांग्रेस 2023 में सरकार बनाने की तैयारी में जुट गई थी। इसके तहत पार्टी ने प्रदेश की लगभग सभी 230 सीटों पर कई बार सर्वे करा लिया है। इस सर्वे के आधार पर कांग्रेस ने 60 से अधिक सीटों पर प्रत्याशी तय कर लिए हैं। पार्टी की रणनीति है कि कर्नाटक की तर्ज पर मप्र विधानसभा चुनाव में चुनावी तारीखों के ऐलान से पहले अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने प्रदेश की 150 सीटों को जीतने का लक्ष्य बनाया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वरिष्ठ नेताओं को क्षेत्रवार जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ लगातार हर रणनीति की समीक्षा कर रहे हैं। गौरतलब है कि भाजपा में जहां नई और पुरानी भाजपा के नेताओं के बीच टिकट को लेकर मारामारी होने के आसार बन रहे हैं, वहीं चुनाव की तैयारी जुटी कांग्रेस ने ग्राउंड सर्वे के आधार पर उम्मीदवारों की नामों की पहली सूची लगभग फाइनल कर ली है। प्रदेश कांग्रेस कमलनाथ की ओर से कराए गए सर्वे की रिपोर्ट के आधार पार्टी ने 60 से अधिक सीटों पर सिंगल नाम फाइनल कर लिए है और पार्टी की तरफ से इन उम्मीदवारों क पूरी ताकत के साथ विधानसभा चुनाव लडऩे की हरी झंडी दी जा चुकी है।
दिग्गज वर्तमान विधायकों को फिर मिलेगा मौका
कांग्रेस में आंतरिक तौर पर कराए गए सर्वे में पार्टी करीब 50 सीटिंग विधायकों को टिकट देने की हरी झंडी दे चुकी है। वहीं 40 से अधिक विधायकों को टिकट पर पार्टी में संशय है। विधानसभा चुनाव में पार्टी लगभग अपने सभी दिग्गज चेहरों को उनकी पंरपरागत सीट से मैदान में उतार कर इन नेताओं को अन्य सीटों की जिम्मेदारी देने जा रही है। इसनें नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल और जयवर्धन सिंह जैसे नेताओं के नाम शामिल है। इसके साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को पूरे प्रदेश में सांमजस्य बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
सर्वे के आधार टिकट पर मुहर
प्रदेश में सत्ता की वापसी की कोशिश कर रही कांग्रेस में सर्वे के आधार पर टिकट तय हो रहे है। सर्वे में कमलनाथ का फोकस उन विधानसभा सीटों पर है जहां पर पार्टी पिछला चुनाव हार गई थी। ऐसे में कमलनाथ ऐसी सीटों पर मजबूत उम्मीदवार की तलाश के लिए सर्वे को तरजीह दे रहे है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने टिकट के दावेदारों को साफ कर दिया है कि स्थानीय स्तर से सर्वे में जिस उम्मीदवार का नाम निकलकर आएगा, उसको ही टिकट दिया जाएगा। इसके साथ सर्वे के जरिए कमलनाथ प्रदेश में जिलों और अंचल के हिसाब से स्थानीय मुद्दों की तलाश कर रहे है जिसके सहारे पार्टी उन को चुनावी मुद्दा बना सके और चुनाव स्थानीय मुद्दों पर ही लड़ा जा सके। इसके लिए कमलनाथ विंध्य,महाकौशल, मालवा और ग्वालियर-चंबल में अलग-अलग सर्वे एजेंसियों से सर्वे करा रहे है। कमलनाथ सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर पार्टी की चुनावी रणनीति तैयार कर रही है और सर्वे में सामने आए मुद्दों को तरजीह देते हुए पार्टी जिला स्तर पर अपना वचन पत्र बना रही है।
पुरानों के साथ नए को मौका
पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस इस बार एक-एक सीट पर सर्वे के आधार पर ही टिकट देगी। इसके लिए पुरानों के साथ नयों को भी मौका दिया जाएगा। यानी जिन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है और पार्टी मजबूत स्थिति में है, उन सीटों पर वर्तमान विधायकों को फिर से टिकट दिया जाएगा। वहीं जहां भाजपा या अन्य पार्टी काबिज है वहां नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। जैसे भोपाल जिले की सात विधानभा सीटों में से 3 पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है। इनमें भोपाल दक्षिण-पश्चिम से पीसी शर्मा, भोपाल मध्य से आरिफ मसूद और भोपाल उत्तर विधानसभा सीट से आरिफ अकील वर्तमान में विधायक है। पार्टी इस बार भी इन तीनों विधायकों को चुनावी मैदान में उतरने की हरी झंडी दे दी है। हलांकि भोपाल उत्तर से कांग्रेस विधायक आरिफ अकील का स्वास्थ्य करणों से चुनाव लडऩे पर कुछ संशय है, ऐसे में पार्टी भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद को भोपाल उत्तर शिफ्ट कर सकती है। इसके साथ कांग्रेस भाजपा के कब्जे वाली सीटों पर नए उम्मीदवारों को मौका देगी।
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