उज्जैन। आजादी के बाद कांग्रेस की सरकार लगातार शासन में रही लेकिन उन्होंने पिछड़े वर्ग को कभी महत्व नहीं दिया हमेशा उनके साथ धोखा ही किया है और अभी भी वर्तमान में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ही इस मामले को उलझा कर गई है। जानकारी देते हुए सह मीडिया प्रभारी राकेश पंड्या ने बताया कि पत्रकार वार्ता में कैबिनेट मंत्री डॉ. मोहन यादव कहा कि हमारी सरकार ने हीं विधानसभा में यह संकल्प पारित करवाया कि बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव नहीं होना चाहिए जबकि कांग्रेस निकाय चुनाव के लिए जल्दबाजी कर रही है। जबकि 2018 में जब कांग्रेस की सरकार 15 महीने के लिए बनी थी तब सरकार के सिर्फ 4 दिन बचे थे तो पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का झूठा वादा किया जबकि नियमानुसार पिछड़ा वर्ग को 35 प्रतिश्ता आरक्षण मिलना चाहिए।
इन कामों से ही कांग्रेस की कथनी और करनी अंतर नजर आता है लेकिन जैसे ही भाजपा की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 महीनों में ही यह कर दिखाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सरकार ने ओबीसी की केंद्रीय सूची का दर्जा बढ़ाकर इस सूची को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। वहीं बीते 65 साल के राज में कांग्रेस में पिछड़ा वर्ग के लोगों को आगे लाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई ठोस कार्य नहीं किया जबकि भाजपा ने प्रदेश में वर्ष 2004 से लगातार तीन अन्य पिछड़ा वर्ग के मुख्यमंत्री प्रदेश को दिए मंत्री, मंडलों में भी ओबीसी के मंत्रियों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया गया है। ओबीसी का पूर्ण कल्याण हमेशा से भाजपा की नीतियों का केंद्र बिंदु रहा है। पत्रकार वार्ता में नगर अध्यक्ष विवेक जोशी, महामंत्री विशाल राजोरिया, सत्यनारायण खोईवाल, संजय अग्रवाल, पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के नगर अध्यक्ष प्रकाश जायसवाल मौजूद थे।
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