नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) लगातार आक्रामक होती जा रही है। बात पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Former President Rahul Gandhi) की छवि बिगाड़ने की हो, राष्ट्रवाद की, भारत जोड़ो यात्रा (Bhaarat jodo yaatra) की या पार्टी से जुड़े किसी अन्य मुद्दे, पहले के मुकाबले कांग्रेस ज्यादा सख्त तेवरों (too harsh) के साथ भाजपा (BJP) को जवाब दे रही है। कुछ माह पहले तक पार्टी जिन मुद्दों पर बचाव की मुद्रा में आ जाती थी, अब उन मुद्दों पर हमलावर है।
पार्टी के रुख में आक्रामकता को कांग्रेस के अंदर बदलावों से जोड़ कर देखा रहा है। पार्टी बदलाव के दौर से गुजर रही है। संगठन चुनान अंतिम दौर में है। वहीं, वर्ष 2024 के लिए संगठन को मजबूत करने और कांग्रेस की दावेदारी के लिए राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर तक की पदयात्रा कर रहे हैं। इस पदयात्रा का मकसद कांग्रेस के पक्ष में जन समर्थन जुटाना है।
कांग्रेस महासिचव जयराम रमेश कहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद पार्टी नए अवतार में सामने आएगी। पार्टी पहले से ज्यादा आक्रामक और सक्रिय होगी। कांग्रेस को अब हमारे मित्र और विरोधी दोनों हल्के में नहीं ले पाएंगे। अभी तक हमारे विरोधी, मित्र और सहयोगी भी कांग्रेस को हल्के में ले रहे थे। भाजपा आक्रामक होगी, तो कांग्रेस दो गुना आक्रामक होगी।
राजनीतिक विशेषज्ञ कांग्रेस के इन तेवरों को खुद को भाजपा के खिलाफ मजबूत विकल्प के तौर पर खड़ा करने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं। पार्टी यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि कांग्रेस अकेली पार्टी है, जो भाजपा का मुकाबला कर सकती है। क्योंकि, तृणमूल कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्रसमिति विपक्षी खेमे में कांग्रेस के दबदबे को चुनौती दे रहे हैं।
रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर राजेंद्र शर्मा कहते हैं कि भाजपा और आरएसएस पर सीधा हमलाकर कांग्रेस यह बताने की कोशिश कर रही है कि किसी को भी उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
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