भोपाल। मप्र में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अलग-अलग नेताओं को तीन-तीन जिलों की जिम्मेदारी दी है। ये सभी नेता अपने क्षेत्र में अभी से चुनावी रणनीति बनाने का काम करेंगे। कांग्रेस की इस लिस्ट में नेताओं को क्षेत्रवार और जातीय समीकरणों के आधार पर प्रभार दिया गया है। नेताओं के जिलों के प्रभार की लिस्ट फाइनल हो चुकी है। एक दो दिन में इसका औपचारिक ऐलान हो जाएगा।
फूलसिंह बरैया को श्योपुर,मुरैना,भिंड की जिम्मेदारी दी गई है। अजय सिंह राहुल को ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी की जिम्मेदारी दी गई है। अरुण यादव को निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर की जिम्मेदारी दी गई है। इस क्षेत्र में यादव वर्ग के वोटर्स निर्णायक हैं। जीतू पटवारी को सतना, पन्ना, दमोह, रायसेन की कमान दी गई है। सुरैश पचौरी को सिंगरौली, सीधी, रीवा, कटनी- पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी विंध्य में ब्राह्मण वर्ग को साधने के लिए काम करेंगे। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, जबलपुर का प्रभार दिया गया है। तरुण भनोट डिंडौरी, बालाघाट, सिवनी,मंडला, नरसिंहपुर जिले का प्रभारी बनाया गया है। सज्जन सिंह वर्मा छिंदवाड़ा, बैतूल, हरदा, नर्मदापुरम की कमान दी गई है। बाला बच्चन बुरहानपुर, खंडवा, धार की जिम्मेदारी दी गई है।
भूरिया ट्राइबल बेल्ट में इंचार्ज
आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया को ट्राइबल बेल्ट बड़वानी, खरगौन की जिम्मेदारी दी गई है। मीनाक्षी नटराजन को अलीराजपुर, झाबुआ, आगर की जिम्मेदारी दी गई है। कमलेश्वर पटेल नीमच, मंदसौर, रतलाम की जिम्मेदारी दी गई है। जयवर्धन सिंह को मिली इंदौर और उज्जैन की जिम्मेदारी दी गई है। रामनिवास रावत को मिली राजगढ़ और शाजापुर की कमान सौपी गई है। केपी सिंह गुना, अशोकनगर, विदिशा की जिम्मेदारी दी गई है। लाखन सिंह यादव को मिली सीहोर और देवास की जिम्मेदारी दी गई है।
प्रभारी नेता जिलों में करेंगे ये काम
कांग्रेस के फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई, जिला कांग्रेस कमेटी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, मंडलम्, सेक्टर कमेटियों से लेकर बूथ कमेटियों की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही कांग्रेस के सभी 40 प्रकोष्ठों, विभागों के कार्यकर्ताओं का फिजिकल वेरिफिकेशन करेंगे। विधानसभा चुनाव के मजबूत दावेदारों के नामों का पैनल बनाकर पीसीसी को भेजेंगे। जिन सीटों पर कांग्रेस लंबे समय से हार रही है। उनके हारने के कारणों की रिपोर्ट बनाकर पीसीसी को आगे की संभावनाओं की रिपोर्ट देंगे। जहां बीजेपी नेताओं के दबाव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर प्रशासन के जरिए प्रेशर बनाया जा रहा है। ऐसे मामलों की जानकारी भेजेंगे। दूसरे दलों के नाराज नेताओं को कांग्रेस में शामिल कराने की भी रणनीति बनाएंगे। कांग्रेस बड़े नेताओं के बजाय स्थानीय स्तर पर बीजेपी के नाराज कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को कांग्रेस में लाने की कोशिश में जुटी है।स्थानीय गुटबाजी और मनमुटाव को दूर कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में समन्वय बनाने का काम करेंगे।
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