• img-fluid

    कांग्रेस ने जीएसटी परिषद की बैठक के निष्कर्षों पर जताई नाराजगी

  • August 28, 2020

    नई दिल्ली। जीएसटी परिषद की बैठक को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। बैठक के निष्कर्ष पर नाराजगी जताते हुए कांग्रेस ने कहा कि समस्या का समाधान खोजने के बजाय केंद्र राज्यों पर भार थोपने में लगी है। प्रमुख विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि अब हालात ऐसे हैं कि सरकार हर मुद्दे पर फैसले को सहमति के बजाय बहुमत के जोर पर लागू कराने में लगी है।

    जीएसटी बैठक के बाद कांग्रेस नेता मनप्रीत बादल, वी. नारायण सामी और टीएस देवसिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि यह बैठक संतोषजनक नहीं रही। पूरी बैठक में सरकार ने सिर्फ अपनी बातों को तरजीह दी। यहां राज्यों की समस्याओं और उनके समाधान को लेकर कोई प्रयास होता नहीं दिखा।

    पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्री जीएसटी परिषद के निष्कर्ष से खुश नहीं है। सरकार को समाधान करना होगा। भारत सरकार ने हम पर एक निर्णय थोपा है और यह जीएसटी शासन की भावना में नहीं है। समाधान जो आया था वह संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य पर थोपा जाना ठीक नहीं है। केंद्र को समस्या थोपने के बजाय समाधान के लिए विवाद निस्तारण प्रणाली शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी हमारे पास इसे अपने कैबिनेट में ले जाने के लिए सात दिन है, जहां हम भविष्य के आधार पर चर्चा करेंगे।

    वहीं, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार राज्यों को मुआवजा देने की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान नहीं कर रह है। जबकि वास्तविकता यह है कि प्रावधान के अनुसार केद्र को राज्यों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी की बुनियाद इस बात पर रखी गयी थी कि राज्यों को अगर कोई नुकसान होता है, तो उसकी भरपाई भारत सरकार करेगी।

    छत्तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि जीएसटी परिषद के हालात दुखद है। यह तेजी से आम-सहमति के बजाय बहुमत की ओर झुकती जा रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ इसलिए कि भाजपा बहुमत में है, इसका मतलब यह नहीं कि वे दूसरों को अपने निर्णय पर मजबूर करेंगे। उन्होंने कहा कि जैसा कि जीएसटी अधिनियम में उल्लिखित है, केंद्र सरकार नुकसान के मामले में मुआवजे का भुगतान करने के लिए बाध्य है। ऐसी स्थिति में 31 राज्यों को उधार लेने के लिए कहने के बजाय, केंद्र इसे राज्यों के बीच उधार और वितरित क्यों नहीं करता।

    इससे पहले, गुरुवार सुबह हुई जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी राजस्व में कमी की भरपाई के लिए राज्यों द्वारा उधार जुटाने के लिए जीएसटी परिषद के समक्ष दो विकल्प रखे। चालू वित्त वर्ष में जीएसटी राजस्व प्राप्ति में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी का अनुमान है। वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा है कि अर्थव्यवस्था असाधारण प्राकृतिक आपदा का सामना कर रही है। इसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है।

    केंद्र सरकार के आकलन के अनुसार चालू वित्त वर्ष में क्षतिपूर्ति के रूप में राज्यों को 3 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इसमें से 65 हजार करोड़ रुपये की भरपाई जीएसटी के अंतर्गत लगाये गये उपकर से प्राप्त राशि से होगी। इसीलिए कुल कमी 2.35 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि इसमें से 97,000 करोड़ रुपये जीएसटी की कमी की वजह से है, जबकि शेष का कारण कोविड-19 का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव है। (एजेंसी, हि.स.)

    Share:

    कोरोना : बांग्लादेश में चीनी कंपनी के टीके को इंसानों पर ट्रायल की इजाजत दी गई

    Fri Aug 28 , 2020
    ढाका । बांग्लादेश ने चीन की एक कंपनी के कोविड-19 के संभावित टीके के इंसानों पर पर अंतिम चरण के परीक्षण को गुरुवार को मंजूरी दे दी। चीन की Sinovac बायोटेक लिमिटेड के बनाए टीके को देश के स्वास्थ्य मंत्री जाहिद मलिक ने दुनिया के सबसे प्रभावशाली टीकों में शुमार बताया। मलिक ने मीडिया ब्रीफिंग […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved