छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छिंदवाड़ा (Chhindwara) जिले की सबसे महत्वपूर्ण अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव (By-elections) के लिए आचार संहिता लागू हो गई है. यहां कांग्रेस (Congress) ने पर्यवेक्षक के माध्यम से उम्मीदवार का चयन करने का मन बनाया है. वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) अमरवाड़ा के पूर्व विधायक कमलेश प्रताप शाह को ही मैदान में उतार सकती है. इसके लिए बीजेपी में मंथन शुरू हो गया है.
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के पहले अमरवाड़ा के कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. ऐसे में अब निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने 10 जुलाई को अमरवाड़ा में उपचुनाव के लिए मतदान की तारीख तय कर दी है. इसके अलावा 13 जुलाई को मतगणना होगी.
कांग्रेस के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा के मुताबिक अमरवाड़ा में उपचुनाव क्यों हो रहा है? यह जनता भलीभांति जानती है. इसलिए जनता उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी का पूरा हिसाब किताब कर देगी. दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पूर्व विधायक सुखदेव पांसे और सुनील जायसवाल को प्रत्याशी चयन के लिए पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है.
दरअसल, अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर कांग्रेस के कई दावेदार हैं. हालांकि, उम्मीदवार का फैसला पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की पसंद से होना तय है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सहमीडिया प्रभारी सचिन सक्सेना का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी में संगठन प्रत्याशी तय करता है. भारतीय जनता पार्टी उपचुनाव में जीत के लिए तैयार है.
इसी वजह से ऐसे नेता को प्रत्याशी बनाया जाएगा, जो भारी बहुमत से छिंदवाड़ा में बीजेपी का परचम लहराए. अब सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए कमलेश प्रताप शाह को भारतीय जनता पार्टी इस बार मौका दे सकती है. छिंदवाड़ा लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विवेक बंटी साहू को यहां पर 15000 वोटों की लीड मिली है.
ऐसे में स्पष्ट है कि अमरवाड़ा के पूर्व विधायक कमलेश शाह के बीजेपी में शामिल होने से बड़ी संख्या में लोगों ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया है. विधानसभा चुनाव 2023 में यहां से कमलेश प्रताप शाह ने 30,000 से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज कराई थी.
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