– खड़गे ने पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े करने वाले नेताओं पर साधा निशाना
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने के बाद से कांग्रेस पार्टी के अंदर नेतृत्व, संगठन और कमजोर होती पार्टी के मुददे पर आवाजें उठने लगी हैं। ऐसे में जहां एक ओर कपिल सिब्बल ने इस मौके पर आत्ममंथन की सलाह दी है। अब एक और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का मानना है कि पार्टी के भीतर के नेता ही इसे कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिब्बल जैसे वरिष्ठ नेताओं की ओर से इस प्रकार की बयानबाजी विपक्षियों की मेहनत को आसान कर रही है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नुकसान होते ही लोग उंगलियां उठाते हैं। अगर हमारे पास लोग पार्टी को भीतर से कमजोर कर रहे हैं, तो हम कैसे मजबूत होकर उभर सकते हैं। हमारा संकल्प देश को त्रस्त करने वाली वास्तविक समस्या, जो कि आरएसएस-भाजपा की विचारधारा है, से लड़ने का होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि चुनाव में मिली हार के बाद जो लोग पार्टी हाईकमान पर टिप्पणी कर रहे हैं, वह अपनों को ही कमजोर करने का काम कर रहे हैं। इससे वो विपक्षियों का काम आसान कर रहे हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता खड़गे ने इससे पहले भी पार्टी के भीतर उठ रहे विरोध के स्वर को गलत ठहराया था। बीते दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जंयती उपलक्ष्य पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘अगर हम पार्टी के बड़े नेता और टॉप लीडर को कमजोर करेंगे तो पार्टी आगे नहीं जाएगी, हमारी विचारधारा कमजोर होगी और हम खत्म हो जायेंगे।’ खड़गे की यह टिप्पणी उन नेताओं के बयान पर आई जिन्होंने हाल में ही बिहार चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर पार्टी विरोधी राग अलापे थे। (एजेंसी, हि.स.)
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