नई दिल्ली: हरियाणा (Haryana) में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन (Alliance with Aam Aadmi Party) की संभावनाओं को देखने के लिए कांग्रेस ने एक कमेटी बनाई (Congress formed a committee) है. यह कमेटी राज्य में गठबंधन से संबंधित तमाम पहलुओं को देखेगी और पार्टी हाई कमान को एक रिपोर्ट सौंपेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर संभावित रूप से तय होगा कि AAP को राज्य विधानसभा चुनाव में कितनी सीटें दी जा सकती है. आम आदमी पार्टी ने राज्य में 20 सीटों की मांग रखी है.
हरियाणा विधानसभा चुनावों में बीजेपी से सत्ता छीनने की कांग्रेस की कोशिशों में कार्य समिति की पहली बैठक महज एक शुरुआती वार्म अप साबित हुई थी. इस बैठक के बाद ऐसे संकेत मिले थे कि पार्टी को गठबंधन की दुविधा से निपटने में कई मोर्चे पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
कांग्रेस के सत्ता में आने की उम्मीदों के साथ पार्टी के लिए राज्य में सीट शेयरिंग बड़ी मुश्किल साबित हो सकती है. बताया जा रहा है कि सीईसी की पहली मीटिंग के दौरान पार्टी के टॉप नेताओं ने आम आदमी पार्टी की तरफ से एक संभावित लिस्ट पेश की, जिसमें गठबंधन में 20 सीटों की मांग की गई थी. एक वरिष्ठ नेता की मानें तो आम आदमी पार्टी ने उस एक लोकसभा सीट के आधार पर 20 सीटों की मांग रखी है, जो कि उन्हें लोकसभा चुनाव में मिली थी. कांग्रेस नेता के मुताबिक, इसलिए आम आदमी पार्टी मानती है कि उन्हें विधानसभा सीटों का बराबरी का हिस्सा मिलना चाहिए.
हालांकि, कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि AAP को 20 सीटें तो नहीं दी जा सकती, और इंडिया गठबंधन के तर्क पर तो कतई ऐसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि INDIA गठबंधन एक राष्ट्रीय गठबंधन है, न कि स्थानीय. पार्टी हाई कमान भी यह मानता है कि आम आदमी पार्टी के साछ गठबंधन को लेकर निष्पक्षता बरती जानी चाहिए.
राहुल गांधी ने नेताओं से कहा कि यह देखा जाए कि क्या उनके साथ काम करने के लिए कुछ गुंजाइश है. उन्हें यह भी कहा गया कि INDIA गठबंधन के हिस्से के रूप में कुछ सीटें देने का रास्ता खोजें. यह गौर करने वाली बात है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस का गठबंधन असफल रहा है. दोनों दलों के बीच अक्सर तनाव देखा गया है.
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