नई दिल्ली। गोवा कांग्रेस (Goa Congress) में बगावत फिलहाल थम गई है। मगर, कांग्रेस की चुनौती (Congress’s challenge) अभी खत्म नहीं हुई है। पार्टी को डर है कि गुजरात विधानसभा चुनाव (gujarat assembly elections) से पहले राज्य में उसके कई विधायक साथ छोड़ सकते हैं। इसलिए, पार्टी सभी विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश में जुट गई है।
गुजरात में कांग्रेस के वर्तमान में 64 विधायक हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को 77 सीट मिली थी, पर पिछले दो साल में 14 विधायकों ने कांग्रेस का साथ छोड़ा है। निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी के पार्टी में शामिल होने से यह आंकड़ा 64 पर पहुंचा है। पार्टी इन विधायकों को हर हाल में अपने साथ बरकरार रखना चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि महाराष्ट्र और गोवा की तरह भाजपा गुजरात में भी कांग्रेस विधायकों से संपर्क कर रही है। भाजपा की कोशिश है कि चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर कांग्रेस विधायकों को पार्टी में शामिल किया जाए, ताकि वह चुनाव में अपने पक्ष में माहौल बना सके। ऐसे में कांग्रेस अपने सभी विधायकों के साथ लगातार संपर्क में हैं।
कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा कि चुनाव में पार्टी के सभी मौजूदा विधायकों का टिकट लगभग तय है। हालांकि, कुछ विधायकों ने सीट बदलने का आग्रह किया है, जिस पर पार्टी विचार करेगी।
इस बीच, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए कुछ दिन पहले सात कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए थे। इनमें वडगाम से विधायक एवं दलित नेता जिग्नेश मेवाणी भी शामिल हैं। पार्टी ने ललित कागथारा, रुत्विक मकवाना, अंबरीश जे डेर, हिम्मत सिंह पटेल, कादिर पीरजादा और इंद्रविजय सिंह गोहिल को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर जातीय समीकरण बनाने की कोशिश भी की है।
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