नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री (Former Union Minister) और कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा (senior leader Anand Sharma), भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) से मुलाकात की खबरों को खारिज कर चुके हैं, पर इस तरह की अटकलों को लेकर पार्टी असहज है। पार्टी मानती है कि इस तरह की अटकलों से चुनाव में राजनीतिक नुकसान हो सकता है। क्योंकि, आनंद शर्मा विधानसभा चुनाव संचालन समिति (Assembly Election Steering Committee) के अध्यक्ष हैं। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं।
आनंद शर्मा कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं की फेहरिस्त में शामिल हैं। उन्हें उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें हरियाणा या किसी अन्य प्रदेश से उम्मीदवार बना सकती है। पर पार्टी ने राज्यसभा के लिए टिकट नहीं दिया। हालांकि, उनकी नाराजगी को कम करने के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ कई बैठकें हुई है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस तरह की अटकलों से चुनाव पर असर पड़ सकता है।
हिमाचल चुनाव पर होगा असर
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक विधानसभा चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं है। आनंद शर्मा प्रदेश पार्टी के वरिष्ठ नेता है। उनके भाजपा से किसी वरिष्ठ नेता से मुलाकात की खबरें आती है, तो इससे गलत संदेश जाता है। इसलिए पार्टी नेताओं को एहतियात बरतना चाहिए। क्योंकि, मतदाता भाजपा की अगुआई वाली सरकार से परेशान हैं और उन्होंने बदलने का मन बना लिया है।
दरअसल, कांग्रेस में असंतुष्ट खेमा लगभग खत्म हो चुका है। पार्टी ने असंतुष्ट नेताओं की नाराजगी दूर की है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी को प्रदेश अध्यक्ष पद दिया, वहीं मुकुल वासनिक और विवेक तन्खा को पार्टी ने राज्यसभा भेज दिया। वहीं, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा सहित कई अंसतुष्ट नेताओं को एआईसीसी में भी जगह नहीं मिल पाई।
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